पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उनके विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने पर विपक्ष को निशाने पर लेते हुए रविवार को कहा कि वह ‘आलू, टमाटर’ की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए राजनीति में नहीं आये. इमरान खान ने पंजाब प्रांत के हाफिजाबाद में एक राजनीतिक रैली में कहा कि देश उन तत्वों के विरूद्ध खड़ा होगा जो ‘धनबल के माध्यम से’ सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे हैं.


उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उनके कार्यकाल के शेष समय में एक महान राष्ट्र बनने जा रहा है क्योंकि उनकी सरकार द्वारा घोषित रियायतों के नतीजे शीघ्र ही सामने आयेंगे. खान ने कहा कि वह देश के युवाओं की खातिर राजनीति में आये हैं. ऐसा कर (राजनीति में आकर) उन्हें कोई निजी फायदा नहीं हुआ है क्योंकि उनके पास पहले से ही जीवन में वह सब कुछ है जिसका एक व्यक्ति सपना देखता है.


सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं आलू और टमाटर के दाम जानने राजनीति में नहीं आया. मैं देश के युवाओं की खातिर राजनीति में आया हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम महान राष्ट्र बनना चाहते हैं तो हमें सच का साथ देना होगा और यही वह बात है, जिसकी मैं पिछले 25 वर्षों से सीख दे रहा हूं.’’


पाकिस्तान की सामान्य महंगाई उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में मापी जाती है और यह 24 महीने के सर्वोच्च स्तर 13 प्रतिशत पर है. लगभग सभी वस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं. ‘डॉन’ अखबार के अनुसार जनवरी, 2020 के बाद यह सर्वोच्च सीपीआई मुद्रास्फीति है, जब यह 14.6 फीसदी थी.


ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से आलू और टमाटर के दामों कंट्रोल न करने की कहा गया जो, आम धारणा को चोट पहुंचाने जैसा है. वैसे भी समय-समय पर खबरें आती रहती हैं कि पाकिस्तान में चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं.


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