Modi Vs Rahul Gandhi : भारत में प्रधानमंत्री के तौर पर कौन चुना जाएगा राहुल गांधी या नरेंद्र मोदी इसको लेकर पाकिस्तान में खूब चर्चा हो रही है. इसके पीछे की वजह हैं पाकिस्तान के पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी. दरअसल, उन्होंने हाल ही में राहुल गांधी को अच्छा नेता बताते हुए ट्वीट किया था. उनके इस ट्वीट के बाद भाजपा की तरफ से कई बयान आए. भाजपा ने कहा, पाकिस्तानी राहुल को पीएम देखना चाहते हैं.


अब इसको लेकर पाकिस्तान के एक यूट्यूबर ने फवाद चौधरी से सवाल किया कि आखिर उनकी भारत के चुनाव में इतनी ज्यादा बात क्यों हो रही है. फवाद ने जवाब दिया, भाजपा और नरेंद्र मोदी की ओर से जो कहा गया, उसे सुनकर लगता है कि वो भारत की जनता को नासमझ समझते हैं. उनको लगता है कि मेरे एक बयान से वहां का वोटर मन बदल लेगा तो ऐसा नहीं है. भारत का वोटर कम से कम इतना समझदार है कि अपने वोट का फैसला खुद ले सकता है. 


केजरीवाल, ममता और राहुल को मिले समर्थन
फवाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत जिस बहुसंख्यकवाद की ओर बढ़ रहा है, उसे देखते हुए जो उनको चुनौती दे सकता है. उसमें अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी या राहुल गांधी जो भी हों, उनको सपोर्ट करना चाहिए. मैं तो राहुल या मोदी किसी को भी निजी तौर पर नहीं जानता. मेरी मानना ये है कि जो भी भारत में कट्टरपंथ से लड़े, उसे हमारा समर्थन होना चाहिए. भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चौधरी ने कहा कि भारत में आज जो दिख रहा है, वो मनमोहन का किया हुआ काम है. मनमोहन सिंह ने ही भारत के वित्त मंत्री और फिर प्रधानमंत्री के तौर पर अर्थव्यवस्था को बढ़ाया. उनकी पॉलिसी की वजह से ही भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ी.


नफरत की राजनीति कर रहे मोदी
इमरान खान की पार्टी पीटीआई के नेता फवाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी एक नफरत की राजनीति करते हुए बढ़े हैं, इसमें मदद के लिए उन्होंने कॉर्पोरेट ग्रुप खड़ा किया. मोदी का आर्थिक सिस्टम वही है, जो हमारे यहां अयूब खान का था. अयूब खान ने 20 परिवारों के हाथों में सब कुछ दे दिया था. नरेंद्र मोदी के वक्त में शायद 70 परिवारों के हाथों में सब कुछ आ गया है.


भारत सीधे दे रहा धमकी, पाकिस्तान क्यों है चुप?
घर में घुसकर मारने के राजनाथ सिंह के बयान पर चौधरी ने कहा कि ये दुख की बात है कि एक देश हमें सीधे धमका रहा है. पाकिस्तान आज क्यों चुप है, ये समझ से परे है. बंटवारे के वक्त जिन्ना और हमने कहा था कि हम भारत के मुसलमान के साथ रहेंगे, लेकिन आज कश्मीर के लिए भी पाकिस्तान से आवाज नहीं आ रही है. ऐसा लगता है कि हमने भारत के मुसलमानों और कश्मीर से गद्दारी की है.दुनिया में कोई भी देश अब अकेला नहीं है. देश के अंदर जो होता है, उसका असर दुनियाभर में होता है, इसलिए मैं खुलकर भारत में कट्टरपंथ के बढ़ने पर बोलता रहता हूं। उन्होंने कहा कि इमरान खान को उम्मीद थी कि नरेंद्र मोदी के आने के बाद चीजें बेहतर होंगी. इमरान खान ने खुलकर बात करने के लिए बयान दिए, लेकिन नरेंद्र मोदी ने शायद अपनी घरेलू राजनीति की वजह से पाकिस्तान से बात ना करने का फैसला लिया.