China Pakistan Relation : चीन और पाकिस्तान की दोस्ती बेशक पुरानी है, लेकिन पाकिस्तान उसके कर्ज के जाल में फंसता जा रहा है. दोनों देशों की दोस्ती को 73 साल हो चुके हैं. 21 मई 1951 में दोनों देश साथ आए थे. 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना बना, जो एशिया में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा था. वहीं पाकिस्तान 1947 में स्वतंत्र देश बना. स्टॉकहोम इंटरनेशन पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इसको लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिससे पता चला है कि 2019 से 2023 तक चीन ने पाकिस्तान में 82 फीसदी हथियारों की आपूर्ति की.


2014-2018 की तुलना में पाकिस्तान के हथियारों के आयात में इस अवधि में 43 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जिसमें बाकी देशों के हथियार का केवल 4.3 फीसदी शामिल है. अब खबर ये भी है कि चीन पाकिस्तान के लिए पनडुब्बी भी बना रहा है. पाकिस्तानी एयरफोर्स में पहले से ही चीन के लड़ाकू जेट हैं. पाकिस्तान और चीन में इस गहरी दोस्ती कारण भारत है, क्योंकि पाकिस्तान और भारत के रिश्ते खराब हैं, चीन भी नहीं चाहता कि दोनों देशों के संबंध सुगम हों, इसलिए चीन पाकिस्तान को कर्ज के जाल में फंसा रहा है. वैसी भी अभी पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है, उसे फंड की जरूरत है, इसलिए चीन ही उसके लिए एक विकल्प बन जाता है.


पाकिस्तान पर चीन का कुल कर्ज 26.6 बिलियन डॉलर 
वैसे तो चीन के साथ अपनी दोस्ती को पाकिस्तान काफी गहरी बताता है. लेकिन पाकिस्तान पर चीन का अरबों डॉलर का कर्ज है. पाकिस्तान पर चीन का कुल कर्ज 26.6 बिलियन डॉलर है. आईएमएफ के मुताबिक, चीनी कर्ज पाकिस्तान के कुल विदेशी लोन का 23 फीसदी से ज्यादा है. इसी महीने की 17 मई को आई रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान ने चीन से 15.5 अरब डॉलर का कर्ज लिया था, जिसके भुगतान के लिए वह 5 साल का अतिरिक्त का समय चाह रहा है. पाकिस्तान और चीन की कठिनाइयों के कारण आईएमएफ ने भी सुझाव दिया था कि 1 लाख से ज्यादा की मासिक पेंशन पर टैक्स लगाया जाए. महंगे टैक्स और सब्सिडी खत्म करने की वजह से पाकिस्तान में और बुरे हालात हो गए, वहीं महंगाई दर काफी बढ़ गई, इसलिए पाकिस्तान और कर्ज में डूबता जा रहा है.