रूस और यूक्रेन के बीच 29 दिनों से जंग जारी है. इस बीच उत्तर कोरिया ने गुरुवार को समुद्र की ओर कम से कम एक संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल दागी है. उत्तर कोरिया के पड़ोसी देशों की सेनाओं का कहना है कि वह जाहिर तौर पर अपनी हथियार प्रणाली की क्षमता बढ़ाना चाहता है और यह सिलसिला उसके सबसे बड़ी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का प्रक्षेपण करने के बाद ही पूरा होगा. न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ ने तत्काल यह नहीं बताया कि प्रक्षेपण किसका किया गया या उसने कितनी दूर तक उड़ान भरी. वहीं, जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया ने संभवत: बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया है.


उत्तर कोरिया ने फिर दागी मिसाइल


यह इस साल उत्तर कोरिया का 12वां प्रक्षेपण था. पिछले रविवार को उत्तर कोरिया ने समुद्र में संदिग्ध गोले दागे थे. विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार को आधुनिक बनाने के लिए तेजी से कार्रवाई कर रहा है और ठप पड़ी परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता के बीच अमेरिका पर रियायतें देने के लिए इसके जरिए दबाव डालना चाहता है.उत्तर कोरिया ने हाल के हफ्तों में अपने राजधानी क्षेत्र के पास से दो मध्यम-दूरी के परीक्षण किए हैं.
 
किम जोंग की क्या है मंशा?


अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सेनाओं ने बाद में बताया था कि इसमें उत्तर कोरिया के सबसे बड़े आईसीबीएम अर्थात अन्तरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र (ह्वासोंग -17) के घटक शामिल थे. बता दें कि उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन लगातार मिसाइल परीक्षण कर दुनिया को चुनौती दे रहे हैं. वो लगातार अपनी सेना और हथियारों को आधुनिक बनाने की होड़ में शामिल हैं. वही अमेरिका समेत कई देश उत्तर कोरिया की हालिया गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं.


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