Army Fighting in Myanmar: म्यांमार के रखाइन प्रांत के बुथिदौंग शहर में जबरदस्त जंग छिड़ गई है. सेना और विद्रोहियों के बीच लड़ाई में वहां रह रहे हिंदुओं और रखाइनी समुदाय के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस जंग में 1500 से ज्यादा हिंदुओं और 20 रखाइनियों को इलाके से बाहर जाने से रोक दिया है. वहां रह रहे लोगों को जाति धर्म के नाम पर जबरन निशाना बनाया जा रहा है. रोहिंग्या समुदाय के लोगों को जबरन सेना में भर्ती करने और जंग में भेजने का आरोप म्यांमार  सेना पर लगा है. रखाइन राज्य के बुथिदौंग और माउंगडॉ इलाकों में शाम 7 बजे से सुबह 6 तक कर्फ्यू लगा दिया जाता है, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.


विद्रोही अराकान आर्मी ने दावा किया है कि इन क्षेत्रों के आसपास 25 किलोमीटर तक लंबी सड़क पर नियंत्रण कर लिया गया है. म्यांमार  सेना ने विद्रोहियों के खिलाफ एक्शन लिया है जिससे  विद्रोहियों के पीछे हटने की खबर सामने आई है.
 
सेना ने बंद कराईं दवा की दुकानें
बढ़ते विद्रोह को देखते हुए सेना ने भी एक्शन तेज कर दिया, जिसकी वजह से कुछ इलाकों में विद्रोहियों के पीछे हटने की खबरें आई हैं. वहीं, खबर ये भी है कि म्यामांर के पश्चिमी हिस्से में थांडवे शहर में हाइड्रो पावर प्रॉजेक्ट के पास लड़ाई तेज हो गई है. सेना दवा की दुकानें बंद करा रही है और महत्वपूर्ण दवाओं के आयात पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. थांडवे में फॉर्मेसी मालिकों ने सेना के इस फैसले पर निराशा व्यक्त की है और सवाल उठाया है कि मरीजों के लिए दवा तक पहुंच रोकने से किस तरह का फायदा होगा. सूत्र के हवाले से बताया कि जंग वाले इलाकों में कड़ी जांच के चलते भोजन के पैकेट भी नहीं बांटे जा रहे हैं, जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कत हो रही है.


2 रोहिंग्याओं को किया गया गिरफ्तार
म्यांमार की जुंटा ने बांग्लादेश में शरणार्थी शिविरों से सैन्य ट्रेनिंग के लिए 2 रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया है. इन दोनों पर ट्रेनिंग से भागने का आरोप है। कई रिपोर्ट सामने आई हैं, जिनमें ये बताया गया है कि म्यामांर की सेना विद्रोहियों के खिलाफ लड़ने के लिए बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों से रोहिंग्या युवाओं को सेना में भर्ती कर रही है.