भारतीय मूल के अनिल कांति ‘नील’ बसु (Neil Basu) लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस (London Metropolitan police) के अगले कमिश्नर बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं. ब्रिटिश मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई है. ब्रिटिश आतंकवाद विरोधी पुलिस अधिकारी बसु डेम क्रेसिडा डिक (Dame Cressida Dick) की जगह ले सकते हैं, जो ब्रिटेन के सबसे बड़े पुलिस फोर्स (UK police force) का नेतृत्व करने वाली पहली महिला हैं. डिक ने इस सप्ताह की शुरुआत में इस्तीफा दे दिया था.


कोलकाता से थे बसु के पिता


बसु (53) फिलहाल लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस के असिस्टेंट कमिश्नर (स्पेशलिस्ट ऑपरेशन) हैं. उनके पिता एक सर्जन थे, जो कोलकाता से थे, और 1960 के दशक में ब्रिटेन चले गए थे जहां उन्होंने वेल्श की एक नर्स से शादी की थी. नॉटिंघम विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक, बसु 1992 में मेट पुलिस में शामिल हुए थे और कॉलेज ऑफ पुलिसिंग के निदेशक बनने से पहले उन्हें आतंकवाद विरोधी और विशेषज्ञ अभियानों के प्रमुख के रूप में पदोन्नत किया गया था.


इस वजह से आए थे सुर्खियों में


गार्जियन अखबार के अनुसार, पुलिस फोर्स में बेहद सम्मानित व्यक्ति, बसु दो साल पहले लंदन ब्रिज की घटना के दौरान दुनिया भर में ख्याति प्राप्त कर चुके थे, जब उन्होंने और उनकी टीम ने आतंकवादी अपराधी उस्मान खान को पकड़ लिया और उसकी गोली मारकर मार गिराया था. अतीत में, बसु बचपन में हुए नस्लीय भेदभाव पर भी बात कर चुक हैं.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अक्टूबर 2020 में एक ब्लॉग में, उन्होंने कहा कि उन्हें "ब्लैक हिस्ट्री मंथ" शब्द पसंद नहीं है क्योंकि "मुझे यह तथ्य पसंद नहीं है कि हमें ब्लैक उपलब्धि को पहचानने और मनाने या नस्लवाद को समझने के लिए एक विशेष महीने की आवश्यकता है."


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