Joe Biden Xenophobia: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कुछ दिन पहले भारत को जेनोफोबिक देश बताया था. अब अमेरिका ने इस पर यूटर्न ले लिया है. अमेरिका ने अब  भारत की प्रशंसा करते हुए शुक्रवार (17 मई) को कहा कि दुनिया में भारत जैसे जीवंत लोकतंत्र बहुत कम हैं. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विश्व में ऐसे देश अधिक नहीं है, जहां भारत से अधिक जीवंत लोकतंत्र हो. हम मताधिकार का इस्तेमाल करने और सरकार चुनने के लिए भारत के लोगों की प्रशंसा करते हैं. हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं.


उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के पिछले 3 वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत हुए हैं. उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारे संबंध बेहद करीबी हैं, जो लगातार और घनिष्ठ हो रहे हैं.


व्हाइट हाउस ने चुप्पी साधी
हाल ही में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि भारत और चीन जैसे देश प्रवासियों से नफरत करते हैं, यानी ये जेनोफोबिक देश हैं. इसको लेकर जब किर्बी से जवाब मांगा गया तो उन्होंने इसे टाल दिया. किर्बी ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में हमारे अपने लोकतंत्र की जीवंतता के बारे में राष्ट्रपति बात कर रहे थे. संयुक्त राज्य अमेरिका अप्रवासियों का देश है और यह हमारे डीएनए में है. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2 मई को कहा था कि विदेशियों से नफरत के चलते भारत और चीन जैसे देशों का आर्थिक विकास धीमा है. ये नहीं चाहते कि प्रवासी इनके देश में जाएं, जबकि प्रवासी हमें मजबूत बनाते हैं.


क्या है जेनोफोबिया का मतलब?
कैंब्रिज डिक्शनरी के अनुसार, जेनोफोबिया का अर्थ विदेशियों, उनके रीति-रिवाजों, उनके धर्मों आदि को नापसंद करना या उनसे डरना से है. मरियम-वेबस्टर के अनुसार, जेनोफोबिया का मतलब -अजनबियों या विदेशियों या किसी भी अजीब या विदेशी चीज से डर और नफरत है. दूसरे शब्दों में कहें तो विदेशी लोगों को नापसंद करना जेनोफोबिया कहलाता है.


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