Hisham al-Hashimi Murder Case: इराक की एक अदालत ने एक पूर्व पुलिस अधिकारी अहमद हमदवी औएद अल-केनानी (Ahmed Hamdawi Oueid al-Kenani) को मौत की सजा सुनाई है. अल-केनानी पर उस समूह का नेतृत्व करने का आरोप लगया गया था जिसने तीन साल पहले बगदाद के जियौना (Ziyouna) जिले में जाने-माने विश्लेषक और सरकारी सलाहकार हिशाम अल-हाशिमी (Hisham al-Hashimi) की गोली मारकर हत्या की थी.


अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, एक न्यायिक प्राधिकरण (Judicial Authority) के बयान में कहा गया कि बगदाद की एक अदालत ने रविवार (7 मई) को इराकी आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत अल-केनानी को मौत की सजा सुनाई.


2020 में घर के बाहर गोली मारकर की गई थी हत्या


रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाशमी एक सरकारी सलाहकार और सुन्नी उग्रवाद मामले के विशेषज्ञ थे. वह इराक के शीर्ष नीति-निर्माताओं के साथ निकट संपर्क में थे. जुलाई 2020 में दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार लोगों ने हाशिमी की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी. हाशमी की हत्या के चलते पूरे इराक में आक्रोश फैल गया था और कई पश्चिमी देशों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र ने भी इसकी निंदा की थी. 


रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मीडिया को कोर्ट के सेशन के दौरान बाहर रखा गया. कार्यवाही के लिए मौजूद रहे एक वकील ने खुलासा किया कि अल-केनानी ने जज के फैसले के जवाब में अदालत में कुछ नहीं कहा.


सरकारी चैनल पर प्रसारित किया गया था मास्टरमाइंड का कबूलनामा


रिपोर्ट में कहा गया कि हत्या के एक साल बाद इराक के सरकारी चैनल ने हमले के पीछे मास्टरमाइंड के कथित कबूलनामे को प्रसारित किया था. कथित मास्टरमाइंड की पहचान अहमद हमदवी औएद अल-केनानी के रूप में की गई थी. उस वक्त हमदवी एक पुलिस लेफ्टिनेंट थे, उन्होंने हाशमी को पिस्तौल से गोली मारने और हत्या में शामिल समूह का नेता होने की बात कबूल की थी. 


एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में एक सुरक्षा सूत्र ने खुलासा किया था कि हाशमी की हत्या के संदिग्ध के प्रभावशाली ईरानी समर्थक समूह कताइब हिजबुल्लाह से संबंध थे, जिसकी हाशमी ने पहले अपने लेखों और मीडिया बयानों में आलोचना की थी.


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