Iran Sunni Girl Rape: ईरान हिंसा की आग में जल रहा है. महसा अमीनी की मौत के बाद हिजाब का विवाद अभी थमा भी नहीं है कि एक और विवाद से देश सुलग रहा है. ईरान (Iran) में एक सुन्नी लड़की (Sunni Girl) से दुष्कर्म का मामला काफी गरमा गया है. बलोच (Baloch) इलाके में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन तक को फूंक दिया. प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस की हिंसक झड़प भी हुई है. पुलिस की फायरिंग में 36 लोगों के मारे जाने की खबर है.


सुन्नी बहुल आबादी वाले ईरान के जाहेदान शहर में एक शिया कमांडर के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं. आरोप है कि कर्नल इब्राहिम नाम के एक शिया कमांडर ने 15 साल की बलोच लड़की से रेप किया.


दुष्कर्म के मामले पर ईरान में भड़की चिंगारी


ईरान के सुन्नी धर्मगुरु मौलवी अब्दुल हमीद ने जब सुन्नी लड़की से दुष्कर्म की पुष्टि की तो ईरान का दक्षिण पूर्वी इलाकों में जबरदस्त प्रदर्शन शुरू हो गया. शुक्रवार को नमाज के बाद से ही सड़कों पर इस गुस्से का उबाल दिखने लगा. बलोच समुदाय के नेताओं की अगुवाई में हुआ ये प्रदर्शन हिंसक हो गया. छोटे-छोटे बच्चे भी इस प्रदर्शन में शामिल थे. चूंकि ये गुस्सा एक शिया कमांडर पर रेप के आरोप के खिलाफ था, इसलिए प्रदर्शनकारियों के निशाने पर सरकार और पुलिस थे.


हिंसक प्रदर्शन में 35 से अधिक की मौत


सुन्नी प्रदर्शनकारियों ने जाहेदान शहर में कई पुलिस स्टेशनों को घेर लिया और उन पर कब्जे की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस ने इस भीड़ पर फायरिंग शुरू कर दी. भीड़ पर की गई इस फायरिंग में 35 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है. फायरिंग और अपने लोगों की मौत से प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और भड़क गया. इसके बाद इन लोगों ने सरकारी इमारतों से लेकर पुलिस स्टेशन तक को निशाना बनाना शुरू कर दिया. शिराबाद के एक पुलिस स्टेशन को आग के हवाले कर दिया.


हिंसक प्रदर्शन में एक कमांडर की भी मौत


ईरानी पुलिस और बलोच प्रदर्शनकारियों के बीच हुई इस झड़प में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड के एक कमांडर की भी मौत हो गयी. जिसके बाद से ईरान के कई शहरों में ये हिंसा फैल गयी. कुर्दिस्तान में IRGC फोर्सेस ने प्रदर्शनकारियों पर सीधी फायरिंग शुरू कर दी. प्रदर्शन और इस हिंसा को रोकने के लिए ईरान की सरकार ने जाहेदान का इंटरनेट बंद कर दिया, लेकिन तब तक ये बवाल दूसरे शहरों में फैल चुका था. 


परिवार पर दबाव बनाने का आरोप


आरोप है कि ईरान (Iran) में सुरक्षाबलों ने अपने कमांडर को बचाने के लिए पीड़ित लड़की के तीन रिश्तेदारों का अपहरण कर लिया और उनसे जबरदस्ती ये बयान दिलवाया कि लड़की के साथ कुछ नहीं हुआ. पीड़ित के परिवार पर शिकायत न दर्ज कराने का दबाव भी बनाया गया, लेकिन लड़की अपने बयान पर कायम रही और जैसे ही ये बात सुन्नी समुदाय (Sunni) के नेताओं और धर्मगुरुओं तक पहुंची तो पूरा बलोच और सुन्नी समुदाय सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आया.


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