Baltic Sea Methane Leak News: बाल्टिक सागर (Baltic Sea) में प्राकृतिक गैस पाइपलाइन नॉर्ड स्ट्रीम फूट (Nord Stream Pipeline Rupture) गई है, जिससे हर घंटे करीब 23 हजार किलो मीथेन (Methane) गैस लीक हो रही है. यह गैस रिसाव (Gas Leak) एक गंभीर संकट में तब्दील हो रहा है. उत्तरी यूरोप (Northern Europe) में बाल्टिक सागर तकरीबन सभी ओर से जमीन से घिरा है. गैस रिसाव के कारण यूरोप (Europe) में हड़कंप मचा है. 


यह गैस पाइपलाइन बाल्टिक सागर में 100 मीटर नीचे है. 26 सितंबर को गैस पाइपलाइन फटी थी. जिसके बाद अब तक इसमें कई धमाके हो चुके हैं. अंतरिक्ष से सैटेलाइट ने भी गैस पाइपलाइन के फटने के असर की तस्वीरें ली हैं. 


बाल्टिक सागर का इकोसिस्टम हो सकता है तहस-नहस!


आशंका जताई जा रही है कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन के धमाके और उससे होने वाला गैस रिसाव बाल्टिक सागर के इकोसिस्टम को तहस-नहस कर सकता है. इस पाइपलाइन के फटने को लेकर रूस पर आरोप लग रहा है. आरोप है कि यूरोपीय देशों में ईंधन की सप्लाई बाधित करने के लिए रूस ने पाइपलाइन में धमाका किया. 


जानकारी के अनुसार, नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन से हर घंटे 22,920 किलो गैस का रिसाव हो रहा है. जो  2 लाख 85 हजार किलो कोयले को जलाने के बराबर है. मीथेन गैस को ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए करीब एक चौथाई जिम्मेदार माना जाता है. 


संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण प्रोग्राम ने यह कहा


संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण प्रोग्राम (UNEP) ने कहा है कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन का धमाका कई टीएटी बमों के धमाके के बराबर है. यूएनईपी का मानना है कि पाइपलाइन को जल्द ठीक नहीं किया गया तो भारी संख्या में समुद्री जीव-जंतुओं को नुकसान होगा. समुद्री परिवहन भी प्रभावित हो सकता है.  


संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने कहा है कि बाल्टिक सागर के नीचे नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइनों के फूटने से जलवायु को नुकसान पहुंचाने वाली मीथेन का अब तक का सबसे बड़ा एकल रिसाव होने की आशंका है.


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