Iran-Israel War Highlights: 'अभी खेल खत्म नहीं हुआ', खामेनेई के सलाहकार ने अमेरिका को चेताया
Iran-Israel War Highlights Updates: ईरान के खिलाफ इजरायल की जंग में अमेरिका भी कूद गया है. अमेरिका ने ईरान में तीन परमाणु ठिकानों को अपने निशाना बनाया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी जानकारी दी
ईरानी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी हमलों का किसी तरह से जवाब दिया जाना चाहिए. ईरानी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से फोन पर बात की और उनसे कहा कि अमेरिकियों को उनके हमने का जवाब मिलना चाहिए. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार अली शमखानी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "भले ही परमाणु स्थल नष्ट हो जाएं, लेकिन खेल खत्म नहीं हुआ है."
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को चीन से आग्रह किया है कि वह ईरान को स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद न करने के लिए प्रोत्साहित करें. ईरान की संसद ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद को मंजूरी दे दी है. इस रास्ते से दुनिया का करीब 20 फीसदी तेल और गैस का व्यापार होता है.
ईरान की संसद ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने को मंजूरी दी. हालांकि यह निर्णय अभी अंतिम नहीं है. दुनिया के लगभग 20 फीसदी तेल और गैस व्यापार के लिए महत्वपूर्ण स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का निर्णय अब ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पास है.
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि ईरान पर हमला उसके साथ युद्ध नहीं है. उन्होंने कहा, "हमने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को तबाह किया है. अमेरिका और उसके सहयोगी अब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को स्थायी रूप से समाप्त करने के लिए काम करेंगे."
रूस का कहना है कि ट्रंप के हमलों से खामेनेई को मजबूती मिलेगी. रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने कहा, "ट्रंप ने अमेरिका के लिए एक नया युद्ध शुरू कर दिया है. इस तरह से ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार नहीं जीत पाएंगे."
अमेरिकी वायुसेना ने 25 मिनट में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है. यूएस ने 7 B-2 बॉम्बर्स से ईरान के इन जगहों पर 12 भारी बम गिराए. इस मिशन में अमेरिका के 125 के करीब फाइटर जेट भी शामिल थे. अमेरिका ने इस ऑपरेशन में 14 बंकर-बस्टर बम, 24 से अधिक टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल किया.
अमेरिका ने रविवार (22 जून 2025) तड़के ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर हमले किए. डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि ईरान के परमाणु ठिकाने पूरी तरह से तबाह हो गए. इस बीच यूएस के रक्षा विभाग ने कहा कि ईरान पर जिस ऑपरेशन के तहत हमला किया गया उसका नाम मिडनाइट हैमर रखा गया है.
चीन ने ईरान पर अमेरिकी हमलों और IAEA के सुरक्षा उपायों के तहत परमाणु सुविधाओं पर बमबारी की कड़ी निंदा की है. चीन ने कहा, "अमेरिका की कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून के उद्देश्यों और सिद्धांतों का उल्लंघन है. इससे मिडिल ईस्ट में तनाव और बढ़ेगा." चीन ने दोनों देशों खासकर इजरायल से सीजफायर पर बात करने, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और वार्ता शुरू करने का आह्वान किया.
रूस ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा की. रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, "किसी स्वतंत्र देश में मिसाइल और बमों से हमला करना का निर्णय लेना गैर-जिम्मेदाराना है. चाहे इसके लिए कुछ भी तर्क दिए जाएं, लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है."
विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि कोई ऐसी लक्ष्मण रेखा नहीं बची, जिसे अमेरिका ने पार न किया हो. अब्बास अराघची से जब पूछा गया कि किया क्या ईरान उस क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों पर जवाबी कर्रवाई करने जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे पास कई विकल्प उपलब्ध हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि अब ऐसे कई कारण हैं कि हमें पश्चिमी देशों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं करना चाहिए.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से फोन पर बात की. पीएम मोदी ने मसूद पेजेशकियन के साथ मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा की और चिंता व्यक्त की. उन्होंने तत्काल तनाव को कम करने के लिए सभी मामलों को कूटनीति के जरिए सुलझाने और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा बहाल करने की अपील की.
अमेरिकी हमले के बाद ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में ईरान की फोर्डो परमाणु साइट को हुए गंभीर नुकसान का पता चला है. एसोसिएटेड प्रेस द्वारा विश्लेषण की गई तस्वीरों में दिखाई देता है कि यह भूमिगत सुविधा, जो एक पहाड़ के भीतर स्थित है, उसके प्रवेश मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. Planet Labs PBC की सैटेलाइट तस्वीरों में पहाड़ के हिस्से को भी टूटा हुआ दिखाया गया है, जिससे ऐसा लगता है कि सुरंगें अब बंद हो गई हैं. इसका मतलब है कि ईरान को अब इस सुविधा तक पहुंचने के लिए दोबारा खुदाई करनी पड़ सकती है.
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने मिस्र के राष्ट्रपति से फोन करते हुए कहा, 'हमने बातचीत के माध्यम से मुद्दों को हल करने की कोशिश की, लेकिन इजरायल ने हमारी जमीन पर आक्रमण किया. हमने न तो युद्ध शुरू किया और न ही इसे जारी रखना चाहते हैं, लेकिन अगर आक्रामकता जारी रहती है तो हम निर्णायक रूप से जवाब देंगे.'
लंदन स्थित फ़ारसी न्यूज़ चैनल ईरान इंटरनेशनल ने आरोप लगाया है कि ईरानी सरकार ने उनके एक पत्रकार के परिवार के सदस्यों को शनिवार को हिरासत में ले लिया. यह कार्रवाई चैनल द्वारा ईरान-इजरायल युद्ध की रिपोर्टिंग के बदले के तौर पर की गई है. चैनल ने कहा कि पत्रकार को मजबूर किया जा रहा है कि वह अपनी नौकरी से इस्तीफा दे, वरना उसके परिवार को नहीं छोड़ा जाएगा. ईरान इंटरनेशनल ने इस कदम को "बंधक बनाना" और "स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने की शर्मनाक कोशिश" बताया है, और इसकी कड़ी निंदा की है.
अमेरिका की ईरान पर एयरस्ट्राइक को लेकर सऊदी अरब का बयान सामने आया है. सऊदी किंगडम की ओर से जारी बयान में हालिया घटनाक्रम पर चिंता जताई गई है.
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि ईरान लंबे समय से क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है. ईरान के पास परमाणु हथियार होने की संभावना अस्वीकार्य है. इस खतरे से निपटने के लिए इजरायल और अमेरिका ने निर्णायक कार्रवाई की है और वे अपने प्रयासों के लिए हमारे समर्थन और धन्यवाद के पात्र हैं.
अमेरिका की ईरान में एयरस्ट्राइक के बाद अब हालात बिगड़ चुके हैं. इस बीच बहरीन ने अपने सिविल कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने के लिए कहा है. बता दें कि बहरीन में अमेरिका का नेवल बेस है.
अमेरिका की ईरान में एयरस्ट्राइक के बाद अब हालात बिगड़ चुके हैं. इस बीच बहरीन ने अपने सिविल कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने के लिए कहा है. बता दें कि बहरीन में अमेरिका का नेवल बेस है.
अमेरिका की एयरस्ट्राइक के बाद ईरान ने इजरायल के तेल अवीव और हाइफा समेत कई ठिकानों पर मिसाइलें दागीं हैं. इनमें तेल अवीव का बेन गुरियन एयरपोर्ट, बायोलॉजिकल रिसर्च सेंटर, डिसीजन मेकिंग सेंटर और एयरबेस शामिल हैं.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किए गए सैन्य हमलों की कड़ी निंदा की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान की संप्रभुता पर किया गया यह हमला क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है. पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए ताजा हमलों को लेकर गहरी चिंता जताई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये हमले पहले से ही जारी इजरायली कार्रवाईयों का ही हिस्सा हैं और इससे क्षेत्र में तनाव और हिंसा और अधिक बढ़ सकती है.
इजरायल अपना एयरस्पेस आज दोपहर 2 बजे से खोल देगा. ईरान के हमलों को देखते हुए उसने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था.
अमेरिका की ओर से किए गए ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले पर इराक की भी प्रतिक्रिया आई है. इराक का कहना है कि ईरान पर अमेरिकी हमला क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा हैं.
अमेरिका की एयरस्ट्राइक पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर का पहला रिएक्शन सामने आया है. उन्होंने X पर लिखा, 'ईरान का परमाणु कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है. ईरान को कभी भी परमाणु हथियार विकसित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती और अमेरिका ने उस खतरे को कम करने के लिए कार्रवाई की है. मिडिल ईस्ट में स्थिति अस्थिर बनी हुई है और इस क्षेत्र में स्थिरता एक प्राथमिकता है. हम ईरान से बातचीत की मेज पर लौटने और इस संकट को समाप्त करने के लिए एक कूटनीतिक समाधान पर पहुंचने का आह्वान करते हैं.'
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हमले और इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर कहा, "...अगर उन्हें लगता है कि ईरान हथियार छोड़ देगा, तो वे गलतफहमी में हैं। ईरान करबला को याद रखता है, और यह समझता है कि यह दूसरा करबला है। वे अपनी गर्दनें कटवा देंगे, लेकिन गर्दनें झुकाएंगे नहीं..."
ईरान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि तीन परमाणु ठिकानों पर हमला कर अमेरिका ने खुद ईरान के खिलाफ एक "खतरनाक युद्ध" की शुरुआत कर दी है. मंत्रालय ने रविवार सुबह एक विस्तृत बयान जारी कर कहा, “दुनिया को यह नहीं भूलना चाहिए कि अमेरिका ने एक चल रही राजनयिक प्रक्रिया के बीच इज़राइल जैसे जनसंहारक और कानूनविहीन शासन का समर्थन कर कूटनीति के साथ विश्वासघात किया है.
अमेरिका की एयरस्ट्राइक के बाद ईरान का बयान सामने आया है. ईरान के मिलिट्री चीफ ने कहा है कि हम अमेरिका और इजरायल के आक्रमण से नहीं डरेंगे. उनके हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
भारत में इजरायल के राजदूत रियुवेन अजार ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि हमने ईरान को बहुत नुकसान पहुंचाया. ईरान के खिलाफ अमेरिका ने हमारा साथ दिया. ये ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए बड़ा झटका है.
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था IAEA ने पुष्टि की है कि अमेरिका द्वारा ईरान के फोर्डो, इस्फहान और नतांज जैसे प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों के बावजूद अब तक किसी भी स्थान पर रेडिएशन स्तर में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई है. ट्रंप के "पूरी तरह तबाह कर देने" वाले दावे के कुछ घंटों बाद IAEA ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी जिससे क्षेत्रीय परमाणु खतरे की आशंकाओं को फिलहाल के लिए खारिज किया गया है.
ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले का असर विमानों पर पड़ रहा है. भारत से लंदन जाने वाली ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट हैदराबाद के शमशाबाद एयरपोर्ट पर फंसी हुई है. स्टाफ का कहना है कि युद्ध की वजह से अबतक हमें परमिशन नहीं मिली है. करीब दो घंटे से प्लेन रनवे पर खड़ा हुआ है.
ईरान के साथ बढ़ते संघर्ष को देखते हुए इजरायली एयरलाइन EL AL ने अपनी सभी उड़ानें 27 जून तक रद्द कर दी हैं.
ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हमले पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि युद्ध किसी मुद्दे के समाधान का रास्ता नहीं है. बातचीत और कूटनीति ही वह माध्यम है जिसका इस्तेमाल किसी भी मुद्दे को सुलझाने के लिए किया जाना चाहिए.'
ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने रिएक्शन सामने आया है. IAEA ने कहा, 'ईरान में तीन परमाणु ठिकानों पर हमलों के बाद, जिसमें फोर्डो भी शामिल है. IAEA पुष्टि कर सकता है कि इस समय तक ऑफ-साइट रेडिएशन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. जैसे-जैसे अधिक जानकारी उपलब्ध होगी, IAEA ईरान की स्थिति पर आगे का आकलन प्रदान करेगा.'
अमेरिका के हमले के बाद ईरान ने इजरायल पर ताबड़तोड़ मिसाइलें दागीं हैं. एएफपी की रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेल अवीव और हाइफा में धमाकों की आवाज सुनी गई. इजरायली मीडिया के मुताबिक, ईरान ने करीब 25 मिसाइलें दागीं हैं. आईडीएफ ने कहा है कि इन मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया जा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि ईरान के फोर्डो सहित तीन परमाणु ठिकानों पर हुए हालिया हमलों के बाद अब तक किसी भी स्थान पर विकिरण (Radiation) स्तर में वृद्धि की कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है. एजेंसी ने कहा है कि वर्तमान स्थिति में कोई आपातकालीन रेडियोएक्टिव खतरा नहीं दिख रहा है, लेकिन जैसे-जैसे और जानकारियां मिलेंगी, वे स्थिति का मूल्यांकन करते हुए आगे अपडेट जारी करेंगे.
मध्य पूर्व में अमेरिका की सैन्य उपस्थिति काफी व्यापक है, जहां बहरीन, इराक, कुवैत, कतर, सीरिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में अमेरिकी सैन्य ठिकाने सक्रिय हैं. क्षेत्र में कुल मिलाकर लगभग 40,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, जो अमेरिका की रणनीतिक पकड़ और सुरक्षा हितों को दर्शाते हैं.
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर की गई सैन्य कार्रवाई पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने यह हमला कांग्रेस की पूर्व अनुमति के बिना किया, जो अमेरिकी संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विरुद्ध है. पेलोसी ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर ट्रंप प्रशासन से इस कार्रवाई को लेकर जवाबदेही की मांग की है और पूछा है कि इतने गंभीर कदम के पीछे क्या कारण और रणनीति थी.
सीपीएम महासचिव एम.ए. बेबी ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन बताया है. उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने यह हमला अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की उस रिपोर्ट को नजरअंदाज करते हुए किया जिसमें कहा गया था कि ईरान परमाणु हथियार विकसित नहीं कर रहा है. एम.ए. बेबी ने इस हमले की तुलना इराक युद्ध से करते हुए कहा कि तब झूठे WMD (Weapons of Mass Destruction) का बहाना बनाया गया था और अब झूठे परमाणु आरोप लगाए जा रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि इस युद्ध का आर्थिक और राजनीतिक असर वैश्विक होगा, जिसमें भारत भी अछूता नहीं रहेगा. अंत में उन्होंने अमेरिका को 'दुनिया का नंबर 1 दुष्ट राष्ट्र' बताते हुए देशभर में विरोध प्रदर्शन की अपील की.
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिका की एयरस्ट्राइक पर कहा कि इससे अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और एनपीटी का गंभीर उल्लंघन किया है. आज सुबह की घटनाएं अपमानजनक हैं और इनके दीर्घकालिक परिणाम होंगे. संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य को इस अत्यंत खतरनाक, अराजक और आपराधिक व्यवहार से चिंतित होना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र चार्टर और इसके प्रावधानों के अनुसार आत्मरक्षा में वैध प्रतिक्रिया की अनुमति देते हुए, ईरान अपनी संप्रभुता, हित और लोगों की रक्षा के लिए सभी विकल्प सुरक्षित रखता है.
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमलों की पुष्टि की है. संगठन ने इसे इंटरनेशनल कानून का उल्लंघन बताया है. AEOI ने इसको लेकर IAEA पर उदासीनता और मिलीभगत का आरोप लगाया है.
ईरान पर अमेरिका के हमले के बाद सऊदी अरब की ओर से बयान जारी किया गया है. जिसमें सऊदी ने कहा कि अमेरिकी हमलों के बाद खाड़ी में कोई रेडियोएक्टिव इफेक्ट नहीं पाया गया है.
अमेरिका की एयरस्ट्राइक के बाद अयातुल्लाह खामेनेई के प्रतिनिधि हुसैन शरियतमदारी ने कायहान अखबार को बताया कि अब बिना देरी किए कार्रवाई करने की हमारी बारी है. हमें सबसे पहले बहरीन में अमेरिकी नौसैनिक बेड़े पर मिसाइल अटैक करना चाहिए और अमेरिका, ब्रिटिश, जर्मन और फ्रांसीसी जहाजों के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करना चाहिए.
अमेरिकी सेना की ओर से जब ईरान पर एयरस्ट्राइक की गई तो यमन ने युद्ध में शामिल होने का ऐलान कर दिया है. यमन मिलिट्री की ओर से कहा गया है कि हम लाल सागर में सभी अमेरिकी जहाजों और युद्धपोतों पर हमला करेंगे.
अमेरिका के पूर्व ट्रेजरी अधिकारी और आतंकवाद वित्त विश्लेषक जोनाथन शैन्जर ने कहा, 'ट्रंप का ये भाषण बहुत ही छोटा था. मुझे लगता है कि उन हमलों की सफलता के बारे में उनका आकलन थोड़ा समय से पहले का है. डोनाल्ड ट्रम्प ईरान से पूर्ण और सम्पूर्ण समर्पण, पूर्ण आत्मसमर्पण का आह्वान कर रहे हैं और अभी मुझे यकीन नहीं है कि (ईरानी) शासन ऐसा करने के लिए तैयार है. यदि आप अभी शासन से आ रहे बयानों को देखें तो वे जवाब में अमेरिका पर हमला करने की धमकी दे रहे हैं.'
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने साफ कहा है कि अगर ईरान ने अमेरिका के खिलाफ कोई भी जवाबी कार्रवाई की तो उसे इससे कहीं ज्यादा ताकतवर हमले का सामना करना पड़ेगा, जितना अभी किया गया है. ट्रंप ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया, “ईरान की ओर से अमेरिका के खिलाफ किसी भी तरह की प्रतिक्रिया का जवाब की गई कार्रवाई से कहीं अधिक ताकत से दिया जाएगा. धन्यवाद!”
ईरान की सरकारी मीडिया की ओर से कहा गया है कि अमेरिका के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद नागरिकों को कोई खतरा नहीं है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान की धमकी को लेकर कहा कि अगर हम पर किसी तरह की जवाबी कार्रवाई हुई तो आज रात जो हुआ, उससे कहीं ज्यादा ताकत के साथ उसका जवाब दिया जाएगा. ट्रंप ने ईरान को धमकी देते हुए कहा कि वो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे.
यमन के हूती विद्रोही संगठन के नेता हेज़ाम अल-असद ने अमेरिका को चेतावनी दी है. उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “अमेरिका अब अपने किए का अंजाम भुगते.” यह बयान अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद आया है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए हमले पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने इसे खतरनाक कदम बताया और कहा कि यह स्थिति पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन सकती है. गुटेरेस ने कहा, “यह इलाका पहले से ही तनाव में है. अब और हिंसा किसी के लिए ठीक नहीं. अगर हालात बेकाबू हो गए तो इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ेगा.” उन्होंने दुनिया के सभी देशों से अपील की कि वे तनाव कम करें और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करें. उन्होंने कहा, “इस समय हमें युद्ध नहीं बातचीत और शांति की जरूरत है. सैन्य कार्रवाई से कोई हल नहीं निकलता. समाधान सिर्फ कूटनीति से ही होगा.”
अमेरिकी सीनेट में डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर को ईरान पर अमेरिकी हमले की जानकारी राष्ट्रपति ट्रंप की सार्वजनिक घोषणा से ठीक पहले दी गई थी. यह जानकारी उनकी प्रवक्ता एलिसन बायासोटी ने दी है. प्रवक्ता के अनुसार, शूमर को दी गई जानकारी में ऑपरेशन से जुड़ी कोई विस्तृत जानकारी शामिल नहीं थी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन कैन रविवार सुबह स्थानीय समयानुसार 8 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस ईरान पर अमेरिका द्वारा किए गए सैन्य हमलों और उनकी रणनीति को लेकर होगी, जिसमें सेना द्वारा अभियान से जुड़ी जानकारी और अगले कदमों को लेकर बयान दिए जाने की संभावना है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेनावनी देते हुए कहा, "अगर ईरान ने शांति की राह नहीं अपनाई तो अमेरिका अगली बार और भी ज्यादा सटीक हमला करेगा.” उन्होंने यह भी जानकारी दी कि रविवार को पेंटागन में अमेरिकी सेना इस पूरे अभियान को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी, जिसमें और जानकारी दी जाएगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेनावनी देते हुए कहा, "अगर ईरान ने शांति की राह नहीं अपनाई तो अमेरिका अगली बार और भी ज्यादा सटीक हमला करेगा.” उन्होंने यह भी जानकारी दी कि रविवार को पेंटागन में अमेरिकी सेना इस पूरे अभियान को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी, जिसमें और जानकारी दी जाएगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मिलकर एक मजबूत टीम की तरह काम किया. उन्होंने दोनों देशों के बीच गहरे समन्वय और रणनीति की सराहना की. ट्रंप ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नेतन्याहू का धन्यवाद और बधाई देना चाहता हूं. हमने एक टीम की तरह काम किया. जैसी शायद पहले कभी नहीं देखी गई. हमने इजरायल के लिए भयानक खतरे को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है.”
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "हमारा लक्ष्य था ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को खत्म करना और इस खतरे को हमेशा के लिए समाप्त करना. हमने यह कर दिखाया.” उन्होंने ईरान से शांति का रास्ता अपनाने की अपील की लेकिन साथ ही चेतावनी भी दी. उन्होंने आगे कहा, “अगर ईरान ने शांति का रास्ता नहीं चुना तो अमेरिका की अगली कार्रवाई इससे कहीं ज्यादा गंभीर और बड़ी होगी.”
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के लिए किया गया मिशन सफल रहा. उन्होंने बताया कि जिन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया था, वे अब पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अभी-अभी देश को संबोधित करना शुरू किया है. यह भाषण ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए अमेरिकी हमले के बाद दिया जा रहा है.
अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद ईरान की सरकारी टीवी (IRIB) पर एक एक्सपर्ट ने कहा है कि अब हर अमेरिकी नागरिक और सैनिक जो इस इलाके में है वह हमारे निशाने पर हैं. टीवी चैनल पर मिडिल ईस्ट में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों का नक्शा भी दिखाया गया. कमेंटेटर ने कहा, “तुमने शुरुआत की है, अब इसे खत्म हम करेंगे.”
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले को साहसिक और ऐतिहासिक फैसला बताया है. रॉयटर्स के अनुसार, नेतन्याहू ने कहा कि यह कदम इतिहास में दर्ज होगा और डोनाल्ड ट्रंप को उस नेता के रूप में याद किया जाएगा जिसने दुनिया के सबसे खतरनाक शासन को सबसे खतरनाक हथियार हासिल करने से रोका.
अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों को लेकर ईरान का परमाणु ऊर्जा संगठन (Atomic Energy Organization of Iran) जल्द ही एक आधिकारिक बयान जारी कर सकता है. इस बयान के जरिए परमाणु संगठन इस बात की जानकारी देगा कि अमेरिकी हमलों में इसके ठिकानों को कितना नुकसान हुआ.
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी IRNA ने पुष्टि की है कि अमेरिका ने नतांज और इस्फहान के परमाणु केंद्रों के आसपास हवाई हमले किए हैं. इससे पहले तसनीम न्यूज एजेंसी ने फोर्डो परमाणु साइट पर हमले की जानकारी दी थी. इस्फहान के गवर्नर के सलाहकार अकबर सालेही ने बताया, “हमने नतांज और इस्फहान के परमाणु केंद्रों के पास हमले होते देखे हैं.” सालेही ने यह भी कहा कि इन दोनों शहरों में कई तेज धमाकों की आवाजें सुनी गई, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द ऐलान कर सकते हैं कि अमेरिका का ईरान पर अब और हमला करने का कोई इरादा नहीं है. यह फैसला हाल ही में किए गए परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद लिया गया है. इसे तनाव कम करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले में B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया. यह जानकारी एक अमेरिकी अधिकारी ने रॉयटर्स को दी. इन खास विमानों को भारी बम ले जाने और सुरक्षित परमाणु ठिकानों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इससे पहले रॉयटर्स ने B-2 बॉम्बर्स की तैनाती की खबर दी थी, जिसे अब अधिकारी ने पक्का किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को सख्त चेतावनी दी है कि अगर वह अपनी गतिविधियां नहीं रोकता है तो अमेरिका दोबारा हमला करेगा. रॉयटर्स के अनुसार, ट्रंप ने एक फोन कॉल में एजेंसी से कहा, "ईरान को तुरंत रुकना चाहिए नहीं तो अगली बार फिर हमला किया जाएगा." यह बयान अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले के बाद सामने आया है, जिससे क्षेत्र में पहले से चल रहा तनाव और गहरा गया है.
इजरायल के प्रमुख मंत्रियों का एक खास समूह को अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों की जानकारी पहले से थी. चैनल 12 की रिपोर्ट के अनुसार, यह बैठक शनिवार रात 10 बजे से लेकर रविवार तड़के 3 बजे तक चली, ठीक उसी समय जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले की सफलता की घोषणा की.
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि ईरान पर अमेरिकी हवाई हमलों के तुरंत बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत की. यह कॉल हमलों के कुछ ही देर बाद की गई, जिससे माना जा रहा है कि अमेरिका और इजरायल के बीच इस सैन्य कार्रवाई को लेकर करीबी तालमेल था.
फॉक्स न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने ईरान के फोर्डो परमाणु ठिकाने पर किए गए हमले में 6 बंकर बस्टर बम का इस्तेमाल किया है. इसके अलावा, 30 टॉमहॉक मिसाइलें अन्य परमाणु स्थलों को निशाना बनाकर दागी गईं. यह हमला सैन्य अभियान का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गंभीर नुकसान पहुंचाना बताया जा रहा है.
ईरान पर अमेरिका के हमले के बाद इजरायल ने देशभर में सख्त सुरक्षा नियम लागू कर दिए हैं. सरकारी बयान के मुताबिक, सभी स्कूल और ज्यादातर ऑफिस बंद रहेंगे, सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े काम ही चलेंगे. यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि तनाव भरे माहौल में लोग सुरक्षित रहें और फालतू आवाजाही कम हो.
ईरान की तसनीम न्यूज एजेंसी के मुताबिक, फोर्डो परमाणु केंद्र के एक हिस्से को हवाई हमलों का निशाना बनाया गया है. यह केंद्र ईरान के कोम शहर के पास स्थित है. कोम प्रांतीय संकट प्रबंधन मुख्यालय के प्रवक्ता मोरतेजा हैदरी ने कहा, “कुछ घंटे पहले कोम में एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव हुआ और जब दुश्मन के लक्ष्यों की पहचान की गई तो फोर्डो परमाणु साइट के एक हिस्से पर हमला हुआ.” हालांकि, इस हमले में हुए नुकसान की कोई डिटेल जानकारी सामने नहीं आई है.
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में अब अमेरिका ने भी खुलकर हस्तक्षेप किया है. अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों- फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर एयरस्ट्राइक की है. इस हमले को पूरी तरह सफल बताया गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी जानकारी ट्रुथ सोशल पर पोस्ट साझा कर दी.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बताया कि उन्हें ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान का फोन आया, जिसमें दोनों नेताओं के बीच ईरान और यूरोपीय शक्तियों के बीच परमाणु वार्ता को तेज करने पर सहमति बनी. मैक्रों ने सोशल मीडिया पर कहा, "मैं स्पष्ट मांग करता हूं कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार प्राप्त नहीं करने चाहिए, और उसे यह साबित करना होगा कि उसके इरादे शांतिपूर्ण हैं." मैक्रों ने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि युद्ध से निकलने का रास्ता और बड़े खतरे से बचने की संभावना अभी भी है. पेजेश्कियान पहले भी कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि ईरान का परमाणु हथियार विकसित करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन वह नाभिकीय ऊर्जा और अनुसंधान के अधिकार पर अडिग रहेगा.
ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के जनसंपर्क प्रमुख हुसैन केर्मानपोर ने इजरायली हमलों को लेकर बड़ा अपडेट दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि पिछले नौ दिनों में हुए हमलों में 400 से अधिक ईरानी नागरिकों की मौत हो चुकी है, जिनमें 54 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, जबकि 3,056 लोग घायल हुए हैं. केर्मानपोर के अनुसार, अधिकांश मृतक और घायल आम नागरिक हैं. घायलों में से 2,220 लोगों का इलाज कर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 232 लोगों का मौके पर ही प्राथमिक उपचार किया गया. इस दौरान देशभर में स्वास्थ्य मंत्रालय की टीमों ने 457 सर्जरी की हैं.
इजरायली सेना (IDF) ने बताया है कि पिछली रात से अब तक ईरान द्वारा इजरायल पर छोड़े गए 40 ड्रोन मार गिराए गए हैं. रविवार सुबह एक ड्रोन बेइट शेन नामक क्षेत्र में एक घर से टकराया, जबकि दूसरा ड्रोन दक्षिणी इजरायल में एक हाइवे के पास खुले इलाके में गिरा.आईडीएफ ने यह भी जानकारी दी कि रात के दौरान ईरान के एक ट्रक-माउंटेड ड्रोन लॉन्चर को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया. सेना के मुताबिक, 13 जून से अब तक कुल 470 ऐसे ड्रोन मार गिराए गए हैं, जो इजरायल के लिए खतरा बन सकते थे. यह 99% सफल इंटरसेप्शन दर को दर्शाता है.
ईरान में इजरायल के 13 जून को शुरू हुए हमले के बाद से अब तक कम से कम 430 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है और करीब 3,500 लोग घायल हुए हैं. यह जानकारी ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से ईरानी सरकारी मीडिया 'नूर न्यूज़' ने दी है.
वहीं अमेरिका-आधारित मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स न्यूज़ एजेंसी (HRANA) के अनुसार, इजरायली हवाई हमलों में कुल 639 लोगों की मौत हुई है, जिनमें ईरान की सेना के शीर्ष अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक भी शामिल हैं. इस बीच, इजरायल ने दावा किया है कि ईरान के मिसाइल हमलों में अब तक उसके 24 नागरिकों की मौत हो चुकी है.
इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे ईरान पर हमले के लिए इस्राइल द्वारा इराकी हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल को खारिज करते हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इराक किसी भी ऐसे सैन्य हमले में शामिल नहीं है और न ही अपने क्षेत्र का उपयोग किसी अन्य राष्ट्र के खिलाफ हमले के लिए करने की अनुमति देगा. उनका यह बयान क्षेत्रीय तनाव के बीच सामने आया है, जिसमें इराक ने अपनी संप्रभुता और तटस्थता की स्थिति को दोहराया है.
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा है कि अगर अमेरिका इजरायल के साथ चल रहे युद्ध में सीधे शामिल होता है तो यह पूरी दुनिया के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है. अराकची ने कहा, “अगर अमेरिका युद्ध में कूदता है तो यह सभी के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और खतरनाक होगा.” यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप युद्ध में सैन्य हस्तक्षेप के विकल्प पर विचार कर रहे हैं.
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा है कि अमेरिका ने बातचीत का दिखावा किया, जबकि असल में वह इजरायल के हमलों को छुपा रहा था. उन्होंने कहा कि अब ईरान को अमेरिका पर भरोसा नहीं रहा. NBC न्यूज से बात करते हुए अराकची ने कहा, "यह कूटनीति के नाम पर धोखा था. अमेरिका को अब दिखाना होगा कि वह सच में समाधान चाहता है." उन्होंने कहा कि ईरान को अब लगता है कि अमेरिका की बातचीत सिर्फ एक बहाना थी, ताकि इजरायल अपने हमले जारी रख सके.
इजरायल और ईरान के बीच तनाव के बीच इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने शुक्रवार रात को एक बड़ा सैन्य हमला करते हुए ईरान के इस्फहान स्थित परमाणु केंद्र को निशाना बनाया. इसके साथ ही IDF ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों पर भी हमले किए. यह कार्रवाई ईरान की ओर से इजरायल पर रातभर हुए ड्रोन और मिसाइल हमलों के जवाब में की गई है.
टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया है कि ईरान से दागे गए दो और ड्रोन को कुछ ही देर पहले दक्षिण इजरायल के अरावा क्षेत्र में मार गिराया गया. ये ड्रोन इजरायली सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे. वहीं दूसरी ओर, बीत शान घाटी में भी एक संभावित ड्रोन घुसपैठ की सूचना के बाद सायरन बजाए गए. सुरक्षा एजेंसियां मौके पर हैं और स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है. IDF ने लोगों से होम फ्रंट कमांड के निर्देशों का पालन करने की अपील की है.
दक्षिण इजरायल के अरावा क्षेत्र में शनिवार को ड्रोन हमले की चेतावनी के चलते कई इलाकों में सायरन बजाए गए. शुरुआत में त्ज़ुकिम (Tzukim) इलाके में सायरन बजे, जिसके बाद आसपास के अन्य इलाकों में भी अलर्ट जारी किया गया. अब तक किसी हमले या नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इजरायली सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उनकी सरकार ने इजरायल को कई बार आश्वस्त किया है कि ईरान का परमाणु हथियार बनाने का कोई इरादा नहीं है. यह जानकारी रूसी न्यूज एजेंसी RIA Novosti की रिपोर्ट में दी गई है. पुतिन के मुताबिक, रूस ने लगातार यह स्पष्ट किया है कि ईरान की मंशा परमाणु हथियार हासिल करने की नहीं है और इस मुद्दे पर इज़रायल से खुलकर बात होती रही है.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि नेतन्याहू ने सिर्फ अपनी सत्ता बचाने के लिए ईरान के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया. क्लिंटन ने कहा, “यह सिर्फ युद्ध नहीं है, यह एक राजनीतिक चाल है ताकि नेतन्याहू अपनी कुर्सी बचा सकें.” उनका ये बयान ऐसे समय आया है जब ईरान और इजराइल के बीच तनाव चरम पर है और दोनों देशों के बीच लगातार हवाई और मिसाइल हमले हो रहे हैं.
इजरायल डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने शनिवार को बताया कि उसने एक ईरानी ड्रोन (UAV) को हाल ही में इंटरसेप्ट कर नष्ट कर दिया है. ड्रोन की घुसपैठ के चलते गोलान हाइट्स इलाके में सायरन बजाए गए, जिससे स्थानीय लोगों में कुछ समय के लिए दहशत फैल गई. IDF ने पुष्टि की है कि ड्रोन को सफलतापूर्वक रोक दिया गया और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है.
शनिवार सुबह ईरान की ओर से इजरायल पर दागी गई ताजा मिसाइलों के बाद तेल अवीव की एक इमारत की छत पर आग लग गई. यह जानकारी इजरायल की आपात सेवाओं ने दी है. मगेन डेविड एडोम (Magen David Adom), जो इजरायल की प्रमुख आपात चिकित्सा सेवा है, उसने बताया कि सभी निवासी समय रहते सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए और अब तक किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है.
शनिवार सुबह ईरान के कोम शहर में हुए एक इजरायली हवाई हमले में एक 16 वर्षीय लड़के की मौत हो गई. यह जानकारी फर्स न्यूज एजेंसी ने दी है, जो इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) से जुड़ा मीडिया संस्थान है. न्यूज एजेंसी के अनुसार, यह हमला उस समय हुआ जब एक रिहायशी इमारत को निशाना बनाया गया. कोम शहर तेहरान से लगभग 160 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. स्थानीय अधिकारियों या अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की ओर से इस घटना की अभी पुष्टि नहीं हुई है.
ईरान से वापस लौटे भारतीय नागरिकों ने सुरक्षित वापसी पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए 'भारत माता की जय' का नारा लगाया. अश्गाबात, तुर्कमेनिस्तान से एक विशेष इलेक्ट्रॉनिक्स विमान आज दोपहर 03 बजे नई दिल्ली पहुंचेगा. इसके साथ ही ऑपरेशन सिंधु के तहत अब तक ईरान से 517 भारतीय नागरिक स्वदेश लौटे हैं. विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है.
बढ़ते सुरक्षा खतरे के बीच इजरायली सरकार ने देशभर में सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने के लिए एक अहम कदम उठाया है. रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार ने 500 सार्वजनिक बम शेल्टरों की मरम्मत और 1,000 नए मोबाइल बम शेल्टर स्थापित करने की योजना को मंजूरी दे दी है. इस योजना की कुल लागत लगभग 28 मिलियन डॉलर (230 करोड़ रुपये से अधिक) आंकी गई है. सरकारी बयान के अनुसार, मोबाइल शेल्टर विशेष रूप से संवेदनशील इलाकों में लगाए जाएंगे, जबकि ज्यादातर मरम्मत का काम केंद्रीय इजरायल में स्थित सार्वजनिक शेल्टरों में किया जाएगा.
भारत ने ईरान में फंसे नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी निकासी अभियान (ऑपरेशन सिंधु) में शामिल कर लिया है. यह फैसला नेपाल और श्रीलंका की सरकारों की अपील पर लिया गया है. तेहरान में भारतीय दूतावास ने बताया कि अब ये नागरिक भी भारत के जरिए सुरक्षित वापसी कर सकते हैं. नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों से कहा गया है कि वे तुरंत इन नंबरों (+98 9010144557,+989128109115, +989128109109) संपर्क करें या दूतावास के टेलीग्राम चैनल से जुड़ें.
ईरान ने साफ कर दिया है कि जब तक इजरायल के हमले जारी रहेंगे, वह अपने परमाणु कार्यक्रम के भविष्य को लेकर किसी भी तरह की बातचीत नहीं करेगा. ईरानी अधिकारियों का यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूरोपीय देश तेहरान को परमाणु बातचीत में वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इन प्रयासों में अब तक कोई फायदा नहीं हुआ है. ईरान का कहना है कि युद्ध की स्थिति में किसी भी तरह की राजनयिक पहल संभव नहीं है और जब तक उसे निशाना बनाया जाता रहेगा, वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करता रहेगा.
ईरान से दागे गए मिसाइलों की वजह से इजरायल के कई क्षेत्रों में सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है. मिसाइल हमलों की पुष्टि होते ही होम फ्रंट कमांड ने नागरिकों से निर्देशों का सख्ती से पालन करने की अपील की है. इजरायली सेना ने बताया, “वायु सेना सक्रिय रूप से काम कर रही है, जहां जरूरत है वहां मिसाइलों को इंटरसेप्ट और जवाबी कार्रवाई की जा रही है.” हालांकि, अधिकारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह हर्मेटिक (पूर्णतः सुरक्षित) नहीं है इसलिए लोगों को सरकारी सुरक्षा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है.
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने शुक्रवार को ईरानी जनता की एकजुटता और राष्ट्रभक्ति की सराहना की. उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए कहा कि शुक्रवार की नमाज और उसके बाद हुए रैलियों में भारी जनसमूह की उपस्थिति ने यह साबित कर दिया कि ईरानी जनता साहस, आस्था और बुद्धिमत्ता में कहीं पीछे नहीं है. खामेनेई ने लिखा, “हमारी प्रिय और सम्मानित ईरानी जनता ने जिस तरह शुक्रवार की नमाज और बाद की रैलियों में भाग लिया, उसने उनके विवेक, आध्यात्मिकता और साहस को पूरी दुनिया के सामने रखा.” यह बयान ऐसे समय आया है जब ईरान और इजरायल के बीच चल रहा युद्ध लगातार गंभीर होता जा रहा है और सरकार को देश की एकजुटता की सख्त जरूरत है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते युद्ध को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है. शुक्रवार को UN सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया एक गंभीर तबाही के कगार पर खड़ी है. गुटेरेस ने कहा, “हम किसी संकट की ओर धीरे-धीरे नहीं बढ़ रहे हैं, बल्कि उसकी ओर दौड़ रहे हैं.” उन्होंने दोनों पक्षों से तत्काल सीजफायर और तनाव घटाने की अपील की और कहा कि यदि यह टकराव यूं ही बढ़ता रहा तो इसके दुनियाभर की सुरक्षा पर गहरे असर पड़ सकते हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इजरायल अकेले दम पर ईरान के सभी परमाणु ठिकानों को खत्म करने में सक्षम नहीं है और इसके लिए उसे अमेरिका की मदद की जरूरत होगी.ट्रंप ने कहा, "इजरायल के पास इतनी क्षमता नहीं है कि वह ईरान के सारे परमाणु ठिकानों को खुद ही खत्म कर दे." ट्रंप ने भी कहा कि ईरान यूरोपीय देशों से बातचीत में दिलचस्पी नहीं रखता, बल्कि वह सीधे अमेरिका से संवाद करना चाहता है.
सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने का अभियान तेजी से जारी है. आज माशहद (ईरान) से दो और विशेष विमान नई दिल्ली के IGI एयरपोर्ट (टर्मिनल 3) पर उतरने वाले हैं. पहली फ्लाइट शाम 4:30 बजे पहुंचेगी. वहीं, दूसरी फ्लाइट रात 11:30 बजे लैंड करेगी. इन दोनों उड़ानों में भी बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों के सवार होने की उम्मीद है.
भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत ईरान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी का सिलसिला जारी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जानकारी दी कि 21 जून की सुबह 3 बजे, तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात से एक विशेष विमान नई दिल्ली पहुंचा, जिसमें ईरान से निकाले गए भारतीय नागरिक सवार थे. इस विशेष उड़ान के साथ अब तक कुल 517 भारतीयों को ईरान से सुरक्षित वापस लाया जा चुका है.
इजरायली वायु सेना (IAF) ने जानकारी दी है कि उसने एक हवाई हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के ड्रोन ब्रिगेड कमांडर अमीनपूर जौदकी को मार गिराया है. IAF ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “हमने लड़ाकू विमानों की मदद से अमीनपौर जौदकी को निशाना बनाकर खत्म किया, जो ईरानी वायु सेना की दूसरी मानव रहित विमान (ड्रोन) ब्रिगेड का कमांडर था.”
बैकग्राउंड
Israel US Strike on Iran’s Nuclear Facilities: ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में अब अमेरिका ने भी अपनी भागेदारी पेश कर दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की है कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों- फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर एयर स्ट्राईक कर दी है. इस हमले को पूरी तरह सफल बताया गया है.
ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, “हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर सफल हमला किया है. हमारे सभी विमान अब ईरान की हवाई सीमा से बाहर हैं और सुरक्षित लौट रहे हैं. सबसे ज्यादा बम फोर्डो साइट पर गिराए गए.” उन्होंने अमेरिकी सेना की तारीफ करते हुए कहा, “हमारे बहादुर सैनिकों को बधाई! दुनिया में और कोई सेना ऐसा नहीं कर सकती. अब समय है शांति का.”
इजरायल के पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कही ये बात
इजरायल के पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमलों की प्रशंसा की है. उन्होंने इसे अमेरिकी राष्ट्रपति का साहसिक फैसला बताया. गैलेंट ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “दुनिया अब पहले से ज्यादा सुरक्षित जगह है.”
अमेरिकी सीनेटर ने की ट्रंप के फैसले की सराहना
अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर किए गए अमेरिकी हवाई हमलों को सही फैसला बताया है. उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की खुलकर सराहना की.
ग्राहम ने एक्स पर लिखी ये बात
ग्राहम ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, "अच्छा किया. यह बिल्कुल सही फैसला था. इस्लामी शासन को यही मिलना चाहिए था." उन्होंने अमेरिकी वायुसेना की भी तारीफ करते हुए कहा, "मेरे साथियों, हमें गर्व होना चाहिए. हमारे पास दुनिया की सबसे बेहतरीन एयरफोर्स है. मैं बेहद गर्व महसूस करता हूं." अपने मैसेज के अंत में उन्होंने अमेरिकी वायुसेना का नारा भी लिखा, "Fly, Fight, Win." (उड़ो, लड़ो और जीत हासिल करो.)
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