Indonesia China Natuna Conflict: समुद्री क्षेत्र में सक्रिय चीनी तट रक्षक पोत की निगरानी के लिए इंडोनेशिया ने अपने उत्तरी नातुना सागर में एक युद्धपोत तैनात किया है. यह वो क्षेत्र है जिस पर इंडोनेशिया और चीन दोनों देश अपना दावा करते हैं.


इंडोनेशियाई महासागर न्याय पहल ने रॉयटर्स को बताया कि शिप ट्रैकिंग डेटा से पता चलता है कि पोत, सीसीजी 5901, 30 दिसंबर से ही टूना ब्लॉक गैस क्षेत्र और वियतनामी चीम साओ तेल और गैस क्षेत्र के पास नाटुना सागर में घूम रहा है. इंडोनेशिया लगातार चीन की गतिविधायोंपर नजर बनाए हुए है. 


तैनात किया ड्रोन
इंडोनेशिया के नौसेना प्रमुख लक्ष्मण मुहम्मद अली ने रॉयटर्स को बताया, चीनी जहाज की निगरानी के लिए एक युद्धपोत, समुद्री गश्ती विमान और ड्रोन तैनात किया गया है. उन्होंने कहा, "चीनी पोत ने कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं की है. हालांकि, हमें इसकी निगरानी करने की जरूरत है क्योंकि यह कुछ समय के लिए इंडोनेशिया के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में घूम रहा है."


इंडोनेशिया-वियतनाम के बीच EEZ समझौता
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में चीनी दूतावास ने इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है. समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन एक ईईजेड के माध्यम से जहाजों को नेविगेशन अधिकार देता है. चीन की तरफ से इंडोनेशिया के क्षेत्र में पोत भेजने का कदम ऐसे समय में उठाया है जब, इंडोनेशिया और वियतनाम के बीच एक ईईजेड समझौता हुआ है. दरअसल, इस समझौते के तहत इंडोनेशिया नटुना सागर में टूना गैस क्षेत्र को विकसित करने और उत्पादन शुरू होने तक के लिए 3 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करने का ऐलान किया है.


इससे पहले साल 2021 में इंडोनेशिया और चीन ने टूना गैस क्षेत्र में महीनों तक तेल निकालने को लेकर काम किया था, इस दौरान दोनों देशों ने एक दूसरे पर निगरानी रखी थी. लेकिन उस समय, चीन ने इंडोनेशिया से यह कहते हुए ड्रिलिंग बंद करने का आग्रह किया कि उसके क्षेत्र में गतिविधियां हो रही हैं.


दरअसल, दक्षिण चीन सागर ते नतूना द्वीपसमूह को लेकर चीन और इंडोनेशिया में लंबे समय से विवाद चलता आ रहा है. इंडोनेशिया का कहना है कि UNCLOS के तहत, दक्षिण चीन सागर का दक्षिणी छोर इसका विशेष आर्थिक क्षेत्र है, और 2017 में इस क्षेत्र का नाम उत्तरी नतुना सागर रखा गया था. 


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