Indian Delegation Meets Taliban: अफगानिस्तान में तालिबानियों का राज चल रहा है. काबुल की सत्ता बदलने के बाद पहली बार भारत और तालिबान के बीच कोई हाई लेवल मीटिंग हुई. गुरुवार (07 मार्च) को विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान) जेपी सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने काबुल में तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की. साथ ही अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से भी मुलाकात हुई.


तालिबान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खी ने कहा कि अफगानिस्तान-भारत संबंधों और आर्थिक और पारगमन मामलों पर गहन चर्चा हुई. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “दोनों देशों के बीच संबंधों को ऐतिहासिक बताते हुए श्री सिंह ने कहा कि भारत ने पिछले ढाई वर्षों में अफगानिस्तान को विभिन्न क्षेत्रों में मानवीय सहायता प्रदान की है.


अब्दुल कहर बल्खी ने आगे कहा, “इसके अलावा, समग्र सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने, नशीले पदार्थों का मुकाबला करने, आईएसकेपी और देश में भ्रष्टाचार से लड़ने में आईईए (इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान) के प्रयासों की सराहना करते हुए, श्री सिंह ने कहा कि भारत अफगानिस्तान के साथ राजनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने और चाबहार बंदरगाह के माध्यम से व्यापार बढ़ाने में रुचि रखता है.”


भारत का जताया आभार


तालिबान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “मानवीय सहायता के लिए भारत का आभार व्यक्त करते हुए, एफएम मुत्ताकी ने कहा कि हमारी संतुलित विदेश नीति के अनुरूप, IEA क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण अभिनेता के रूप में भारत के साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना चाहता है. अंत में, एफएम मुत्ताकी ने भारत के संयुक्त सचिव से अफगान व्यापारियों, मरीजों और छात्रों के लिए वीजा जारी करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने का आग्रह किया.”


भारत ने करजई से मुलाकात पर दिया बयान


भारतीय प्रतिनिधिमंडल और तालिबान नेतृत्व और अन्य के बीच बैठकों पर भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन हामिद करजई से मुलाकात पर बयान देते हुए उप सचिव दीप्ति झरवाल ने कहा, “अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने भारत के विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव जेपी सिंह (अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान विभाग के प्रमुख) से मुलाकात की.”


बयान में आगे कहा गया, “अफगानिस्तान और क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान के अलावा, पूर्व राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और अच्छे संबंधों और भारत की सहायता के बारे में अफगानिस्तान के लोगों का उल्लेख किया और उन्होंने सहयोग के लिए विशेष रूप से आभार व्यक्त किया. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उक्त देश का सहयोग जारी रखने को कहा.”    


ये भी पढ़ें: अफगानिस्तान में है भारत का बनाया सलमा डैम, तालिबानी हुकूमत में भारत ने भेजी तकनीकी टीम, तीन दिन करेंगे जांच