Political Crisis In Pakistan: क्या इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही मान ली हार? पाकिस्तान में जल्द कराए जा सकते हैं चुनाव
आठ मार्च को विपक्षी पार्टियों द्वारा नेशनल असेंबली के सचिवालय में खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था, जिसके बाद से देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव से उत्पन्न मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता को खत्म करने के लिए देश में जल्द चुनाव कराए जा सकते हैं. इमरान खान इन दिनों अपनी सरकार बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. राजधानी इस्लामाबाद में गृहमंत्री ने पार्टी के बागियों को चेतावनी दी कि पाला बदलना उनके लिए ठीक नहीं होगा.
उल्लेखनीय है कि आठ मार्च को विपक्षी पार्टियों द्वारा नेशनल असेंबली के सचिवालय में खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था, जिसके बाद से देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है. विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि खान नीत पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) की सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है.
खान (69) गठबंधन सरकार चला रहे हैं और अगर कोई साझेदार समर्थन वापस लेने का फैसला करता है तो उन्हें हटाया जा सकता है. प्रधानमंत्री उस समय संकट में घिर गए, जब उनकी सहयोगी पार्टियों के 23 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उन्हें समर्थन देने का स्पष्ट संकेत देने से मना कर दिया. अविश्वास प्रस्ताव पर इसी महीने चर्चा होनी है.
खान की पार्टी के सदस्यों ने अपनाया बागी रुख
खान की समस्या उस समय और बढ़ गई जब उनकी ही पार्टी के करीब दो दर्जन सदस्यों ने बगावती रुख अपना लिया. हालांकि, खान और उनके मंत्री यह व्यक्त करने की कोशिश कर रहे हैं कि सबकुछ ठीक है और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा.
गृहमंत्री ने सत्तारूढ़ दल के सदस्यों से कहा कि वे प्रधानमंत्री के खिलाफ जाने से पहले इस बात का ख्याल रखें कि ‘‘देश में मध्यावधि चुनाव भी कराए जा सकते हैं और पाला बदलना उनके लिए भी अच्छा नहीं होगा.’’ उन्होंने कहा,‘‘जो पार्टी बदल रहे हैं और सोचते हैं कि उन्हें सम्मान मिलेगा, तो वे गलत हैं.’’राशिद ने वादा किया कि ‘‘अच्छी खबर’ आएगी.
शुक्रवार को होगी नेशनल असेंबली की बैठक
उल्लेखनीय है कि नेशनल असेंबली की बैठक शुक्रवार को बुलाई गई है, लेकिन यह तय नहीं है कि स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराएंगे या सत्र को बिना किसी अधिकारिक कार्य के स्थगित कर देंगे. गृह मंत्री ने बुधवार को कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान 30 मार्च से एक अप्रैल के बीच हो सकता है.
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