Israel Hamas Ceasefire: हमास ने बंधकों को छोड़े जाने में देरी के बीच इजरायल पर समझौते की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. दोनों पक्षों के बीच शुक्रवार (24 नवंबर) को चार दिवसीय संघर्षविराम शुरू हुआ था. इजरायली बंधकों से फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली के लिए इजरायल और हमास के बीच समझौता हुआ है.


न्यूज एजेंसी एएनआई ने द टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के हवाले से शनिवार (25 नवंबर) को बताया कि हमास नेता इस्माइल हनियेह के एक वरिष्ठ राजनीतिक सलाहकार ताहेर अल-नोनो ने इजरायल पर अस्थायी युद्धविराम की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि मानवीय सहायता और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई से संबंधित क्लॉज का पालन नहीं किया जा रहा है.


हमास के इजरायल पर आरोप


अल-नोनो के मुताबिक, इजरायल ने उत्तरी गाजा पट्टी में सहायता वितरण का पालन नहीं किया, जहां संघर्ष सबसे तीव्र रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई का आदेश कारावास की अवधि के आधार पर सहमत शर्तों से भटक गया है. वहीं, इजरायल की ओर से तर्क दिया गया है कि उसने आवश्यकतानुसार 200 ट्रकों को पट्टी में जाने की अनुमति दी और उनमें से 50 ट्रक उत्तरी गाजा पहुंचे.


रिपोर्ट के मुताबिक, बातचीत से परिचित एक अज्ञात सूत्र ने कहा कि हमास का दावा है कि रिहाई आदेश कारावास की अवधि पर आधारित होना चाहिए था, इस शर्त का कथित तौर पर इजरायल की ओर से उल्लंघन किया गया है.


इस बीच, इजरायल के सबसे दक्षिणी शहर इलियट पर एयर डिफेंस एक्टिविटी और धमाकों की खबरें हैं. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए फुटेज में दो इंटरसेप्टर मिसाइलों को क्षेत्र के ऊपर उड़ते हुए दिखाया गया है.


तनाव में इजाफा


तनाव में इजाफा हुआ है क्योंकि अल-नोनो ने आईडीएफ पर उत्तरी गाजा में लौटने का प्रयास कर रहे गाजावासियों पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया, जिसके चलते दो फिलिस्तीनियों की मौत होने का दावा किया गया है. इजरायल का दावा है कि एक समझौते के क्लॉज ने फिलिस्तीनियों को उस क्षेत्र में लौटने से रोका है जहां आईडीएफ का ऑपरेशन जारी है.


नोनो के अनुसार, हमास ने थाईलैंड और ईरान के साथ एक अलग समझौते में बंधक बनाए गए 11 थाई और फिलीपीन नागरिक को रिहा करके समझौते की शर्तों को पार कर लिया. थाई और फिलीपीन नागरिक को छोड़ा जाना कतर की मध्यस्थता में इजरायल के साथ हुए समझौते का हिस्सा नहीं था. 


बातचीच की डिटेल से परिचित एक अज्ञात सूत्र ने कहा कि हमास का दावा है कि जिस आदेश के तहत इजरायल को फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करना था वह कारावास की अवधि पर आधारित था, जिसमें सबसे लंबे समय तक जेल में बंद लोगों को पहले रिहा किया जाना था. द टाइम्स ऑफ इजरायल ने द वाल्ला समाचार साइट का हवाला देते हुए बताया कि यह वह आदेश नहीं था जिसके तहत गुरुवार को इजरायल की ओर से कैदियों को रिहा किया गया था.


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