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Hijab: इंग्लैंड में भी 'हिजाब' की दस्तक, 'हिजाब लेडी' ने मचाया हंगामा, जानिए क्या है पूरा मामला
Hijab Sculpture: इस प्रतिमा को बनाने वाले ल्यूक पेरी का कहना है कि अनावरण के बाद भी काफी विवाद होगा, लेकिन विरोध करने वालों को अपना नजरिया ठीक करना होगा. इसमें सकारात्मकता तलाशने की जरूरत है.
![Hijab: इंग्लैंड में भी 'हिजाब' की दस्तक, 'हिजाब लेडी' ने मचाया हंगामा, जानिए क्या है पूरा मामला Hijabs Sculpture in United Kingdom this Sculpture is to celebrate women who wear hijabs Hijab: इंग्लैंड में भी 'हिजाब' की दस्तक, 'हिजाब लेडी' ने मचाया हंगामा, जानिए क्या है पूरा मामला](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/25/c34f67c9c55da3da13bcf09bba77532c1695629170967858_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Hijabs Sculpture in UK: हिजाब को लेकर ईरान में लंबे समय तक सरकार और आम लोगों के बीच संघर्ष चला. कई और देशों में भी महिलाएं इससे आजादी चाहती हैं. पर इस बीच यूनाइटेड किंगडम (UK) से ऐसी खबर सामने आई है जो हैरान करने वाली है और इसे लेकर यूनाइटेड किंगडम की आलोचना भी की जा रही है.
दरअसल, यूके में ल्यूक पेरी नाम के एक कलाकार ने हिजाब पहनने वाली महिलाओं को श्रद्धांजलि देने के मकसद से कई फीट ऊंची एक प्रतिमा बनाई है. इस प्रतिमा में भी एक महिला को हिजाब पहने दिखाया गया है.
मिडलैंड्स के स्मेथविक में होगा अनावरण
पेरी ने इस प्रतिमा का नाम 'स्ट्रेंथ ऑफ द हिजाब' रखा है. बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो यह दुनिया में अपनी तरह की पहली कलाकृति है. पेरी इसे इंग्लैंड के बर्मिंघम में लगवा रहे हैं. अगर इसकी ऊंचाई की बात करें तो यह 5 मीटर ऊंची है और इसका वजन एक टन के आसपास है. इसका अनावरण अगले महीने इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स के स्मेथविक में किया जाएगा.
विरोध के बाद भी नहीं हटे पीछे
पेरी का कहना है कि हिजाब समुदाय का एक अभिन्न हिस्सा है. हिजाबी महिलाओं को हमें समझना चाहिए. उन्होंने बताया कि हिजाब लेडी की प्रतिमा बनाने से पहले इस समुदाय की महिलाओं के साथ काम करना काफी रोमांचक रहा. स्टैच्यू बनाने क दौरान काफी विवाद हुआ, लेकिन वह पीछे नहीं हटे. पेरी कहते हैं कि प्रतिमा लगने के बाद भी काफी विवाद होगा, लेकिन विरोध करने वालों को अपना नजरिया ठीक करना होगा. इसमें सकारात्मकता तलाशने की जरूरत है.
स्मेथविक में पाकिस्तानी आबादी अधिक
इस प्रतिमा को जहां लगाया जा रहा है वहां पाकिस्तानी मूल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. साल 2021 के आंकड़ों के अनुसार, बर्मिंघम में रहने वाले एशियाई मूल के लोगों की संख्या 3 लाख 55 हजार 384 है. इसमें 66 हजार 519 भारतीय हैं जबकि पाकिस्तानियों की संख्या 1 लाख 95 हजार 102 है.
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