Hardeep Singh Nijjar Killing: कनाडा की एक अदालत में मंगलवार (आठ मई, 2024) को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार तीन भारतीय नागरिकों (करण बराड़, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह) की पेशी हुई. मामले में पहली बार वे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हाजिर हुए. कनाडाई अखबार ‘वैंकूवर सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, खचाखच भरे कोर्ट में वे तीनों अलग-अलग पेश हुए और वकीलों से सलाह-मशविरा करने के लिए समय दिए जाने की वजह से 21 मई, 2024 तक मुकदमे की सुनवाई स्थगित करने पर वे सहमत हुए.


खबर के मुताबिक, इन तीनों आरोपियों को जेल की लाल रंग की टी-शर्ट और पैंट में नॉर्थ फ्रेजर प्रीट्रायल सेंटर से अलग-अलग पेश किया गया. दो आरोपी सुबह पेश किए गए, जबकि कमलप्रीत सिंह को एक वकील से विचार-विमर्श करने का वक्त देने के लिए लंच (दोपहर के खाने) के बाद पेश किया गया. तीनों अंग्रेजी में मुकदमा चलाए जाने पर राजी हुए और उन्होंने माना कि उन्हें हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और मर्डर की साजिश रचने के आरोपों के बारे में पता है.


निज्जर के बेटे समेत इन सात लोगों से आरोपी नहीं कर पाएंगे संपर्क


कोर्ट ने इस दौरान क्राउन अभियोजकों की उस गुजारिश को भी मान लिया, जिसमें कनाडा आपराधिक संहिता के तहत इन आरोपियों पर सात लोगों से संपर्क करने पर रोक रहेगी. आदेश में जिन सात लोगों का नाम लिया गया है, उनमें निज्जर का बेटा बलराज निज्जर (21) और हरजिंदर निज्जर, मेहताब निज्जर, सरनदीप सहज, हरसिमरनजीत सिंह, अर्शदीप कपूर और मलकीत सिंह हैं.


क्या तीनों आरोपी जमानत पर होंगे रिहा? जानें, क्या बोले वकील


सर्रे के आपराधिक और प्रवासी मामलों के वकील अफान बाजवा ने इस बारे में बताया कि आरोपियों का अगला कदम जमानत के लिए याचिका देना होगा. उन्हें जमानत पर रिहा करने की संभावना इस पर निर्भर करेगी कि क्या उनके वकील न्यायाधीश के समक्ष मजबूत पैरवी करते हैं. वह इस बारे में बोले- मुझे लगता है कि बेल पर उन्हें रिहा करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि उनके देश छोड़कर भागने का और जन सुरक्षा को खतरा होगा.


कोर्टरूम में थे सैकड़ों खालिस्तानी समर्थक, भीड़ इतनी कि...


अफान बाजवा के अनुसार, अगर मुकदमे की सुनवाई आगे चलती है और उन्हें फर्स्ट-डिग्री मर्डर का दोषी पाया जाता है तो उन्हें कम से कम 25 साल तक पैरोल पर रिहा करने की कोई गुंजाइश नहीं होगी. केस की सुनवाई के दौरान सैकड़ों खालिस्तानी समर्थक कोर्टरूम में थे. वहां इतनी भीड़ थी कि सुनवाई देखने की इच्छा रखने वाले अतिरिक्त 50 लोगों के लिए अदालत कक्ष को खोलना पड़ा था, जबकि कोर्टरूम के बाहर 100 या इससे अधिक लोगों ने सिख अलगाववाद के समर्थन वाले और खालिस्तानी झंडे लहराए. समाचार एजेंसी एसोसिएट प्रेस (एपी) की ओर से छापी गई खबर में कुछ तस्वीरें भी थीं, जिनमें सर्रे में कोर्ट के बाहर ब्रिटिश कोलंबिया के सिख समुदाय के लोग थे. वे उस दौरान 'खालिस्तान जिंदाबाद' नारे लिखे झंडे और बैनर-पोस्टर के साथ तख्तियां लिए थे. इनमें से कुछ तख्तियों पर हरदीप सिंह निज्जर के फोटो के साथ उसे शहीद जत्थेदार बताया गया था और कुछ अन्य तख्तियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदू आतंकवाद का चेहरा करार दिया गया था. 


लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े माने जाते हैं हत्या के तीनों आरोपी!


हत्याकांड से कनाडा-भारत के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था. एडमॉन्टन में रहने वाले भारतीय नागरिकों 22 साल के करण बराड़, 22 वर्ष के कमलप्रीत सिंह और 28 साल के करणप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है. शुक्रवार को उन्हें हत्या और इसकी साजिश रचने को लेकर आरोपित किया गया था. ऐसा माना जाता है कि ये तीनों लॉरेंस बिश्वनोई गैंग से जुड़े हैं. 


गुरुद्वारे के बाहर कर दी गई थी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या


कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर (45) की 18 जून, 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में गुरुद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी. कनाडा में सिख अलगाववादी समूहों की मौजूदगी पर भारत लंबे समय से आपत्ति जताता रहा है. हरदीप सिंह निज्जर को उसने 'आतंकवादी' घोषित किया था.


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