सऊदी अरब ने हज यात्रा (Hajj 2024) के लिए आधिकारिक परमिट जरूरी करने के साथ स्वास्थ्य को लेकर भी नई गाइडलाइन जारी की हैं. सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्रालय ने तीर्थयात्रियों के लिए कई वैक्सीनेशन भी अनिवार्य कर दिए हैं. सेहत एप्लिकेशन (Sehaty Application) के जरिए तीर्थयात्रियों को वैक्सीनेशन का अपडेट देना होगा और बता होगा कि वह वैक्सीनेटेड हैं.


मंत्रालय का कहना है कि वैक्सीनेशन के लिए तीर्थयात्रियों को सेहत ऐप पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है. साथ ही सऊदी में रहने वालों को कोविड-19 वैक्सीन, इनफ्लूएंजा वैक्सीन और मेनिनजाइटिस वैक्सीन जरूरी है. तीर्थयात्रियों के लिए यह भी जरूरी है कि ये वैक्सीन पिछले 5 साल के अंदर ही ली हों.


दूसरे देशों से मक्का आने वालों के लिए गाइडलाइन में कहा गया है कि इन वैक्सीन के साथ आने से कम से कम 10 दिन पहले या पांच साल के अंदर नीजेरिया मेनिनजाइटिस की वैक्सीन लगवाई हो. यह अवधि 5 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. पोलियो वैक्सीनेटेड होना भी जरूरी है और तीर्थयात्रियों के पास अपने देश का वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी होना चाहिए.


सऊदी अरब के मंत्रालय ने कहा कि सभी तीर्थयात्रियों के पास वैलिड पासपोर्ट होना चाहिए, जो 7 जून, 2024 तक वैलिड हो. इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से ये महीना धुल हिज्जा महीना होता है और इसी महीने में दुनियाभर के मुसलमान हज के लिए मक्का जाते हैं.


हज परमिट के बिना सऊदी अरब ने हज बैन कर दिया है. हज मंत्रालय, पैगंबर मस्जिद, ग्रैंड मस्जिद के मामलों को देखने वाले प्राधिकरण और अन्य वरिष्ठ विद्वानों ने मिलकर इस बात की जांच की कि परमिट के बगैर हज करने आने वालों की वजह से किस तरह की चुनौतियां हो सकती हैं. उनका मानना है कि परमिट के बिना जब लोग आते हैं तो इससे तीर्थयात्रियों की सेफ्टी खतरे में पड़ जाती और भीड़ की वजह से भगदड़ का खतरा रहता है. हज मंत्रालय ने कहा है कि तीर्थयात्री Nusk Platform से हज परमिट प्राप्त सकते हैं.


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