IMF Loan to Pakistan: पाकिस्तान की माली हालत काफी खराब है. ऐसे हालात में उसको आर्थिक मदद देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कार्यकारी बोर्ड की सोमवार (29 अप्रैल) को मीटिंग हुई. कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों में भारत भी शामिल है. बैठक के सभी सदस्य पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए राजी हो गए, लेकिन भारत ने अपनी सहमति नहीं दी. हालांकि, बोर्ड ने पाकिस्तान को 1.1 बिलियन डॉलर के तत्काल वितरण को मंजूरी दे दी है.


पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार बोर्ड के सदस्य भारत की असहमति को अलग रखते हुए पाकिस्तान को 1.1 बिलियन डॉलर की तत्काल मदद करने पर सहमत हो गए. आईएमएफ ने पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का शॉर्ट टर्म स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (SBA) दिया था. बोर्ड ने आईएमएफ के स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (SBA) समर्थित पाकिस्तान के आर्थिक सुधार कार्यक्रम की दूसरी और अंतिम समीक्षा पूरी की.


भारत ने की थी कर्ज की कड़ी निगरानी की वकालत
पिछले महीने भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज के पैसों की कड़ी निगरानी करने की जरूरत है. आईएमएफ के कार्यकारी निदेशक  सुब्रमण्यम ने कार्यकारी बोर्ड के सामने भारत का रुख रखते हुए कहा कि देशों को इस तरह के पैसों को खर्च या अन्य देशों का कर्ज चुकाने में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. 


आईएमएफ ने भविष्य के लिए पाकिस्तान को दी क्या नसीहत?
आईएमएफ ने कहा कि पाकिस्तान के लिए जरूरी है कि एक मजबूत और टिकाऊ रिकवरी के लिए प्रशासन अपनी नीतियों और सुधार प्रयासों को जारी रखें. आईएमएफ के उप प्रबंध निदेशक एंटोनिट सेईह ने कहा कि पिछले साल एसबीए के तहत पाकिस्तान की नीतियों के तहत किए गए प्रयासों नें देश की अर्थव्यवस्था  लाने में मदद की है. इन नीतियों की वजह से देश में फिर से विकास देखा गया और पाकिस्तान पर बाहरी दबाव भी कम हुआ है. साथ ही महंगाई में भी कमी आनी शुरू हुई है.


सबसे कमजोर लोगों के लिए काम करे पाकिस्तान, IMF ने कहा
एंटोनेट सेईह आगे कहा कि आगे की चुनौतियों को देखते हुए पाकिस्तान को नीतियों पर इसी तरह से सख्ती से काम करते रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ठोस व्यापक और संरचनात्मक सुधारों के साथ मजबूत, समावेशी और टिकाऊ विकास करना चाहिए. आईएमएफ ने कहा कि मजबूत, दीर्घकालिक समावेशी विकास के लिए पाकिस्तान कौ नौकरियां पैदा करने के लिए संरचनात्मक सुधारों में तेजी लाने की जरूरत है. बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम के जरिए देश की सबसे कमजोर आवाम को लगातार सुरक्षा देने की जरूरत है.


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