नई दिल्लीः फ्रांस में पैगंबर मुहम्मद के कैरिकेचर दिखाए जाने के बाद फ्रांसीसी शिक्षक की हत्या के बाद इस्लाम पर बहस काफी तेज हो गई है. वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने दुनिया भर में इस्लाम को "संकट में" बताया है. इसके साथ ही दिसंबर में एक बिल पेश करने की कसम खाई जिससे कि फ्रांस में आधिकारिक तौर पर चर्च और राज्य को अलग करने वाले कानून को मजबूत किया जा सके.


जिस पर तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने अपने समकक्ष फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाते हुए उनकी आलोचना की है. इसके साथ ही कई देशों के मुसलमान फ्रांस का बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं. बीते दो दिनों में मैक्रॉन के खिलाफ अपनी दूसरी तीखी आलोचना करते हुए एर्दोगन ने कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने अपना दिमाग खो दिया है, जिससे फ्रांस के विदेश मंत्री को अंकारा में देश के राजदूत को वापस बुलाने के लिए प्रेरित किया गया.


दुनिया भर में इस्लाम को संकट में बताए जाने के बाद शुक्रवार से, सोशल मीडिया पर पश्चिम से पूर्व की ओर यूके, कुवैत, कतर, फिलिस्तीन, मिस्र, अल्जीरिया, जॉर्डन, सऊदी अरब और तुर्की सहित देशों में मैक्रोन की आलोचना काफी तेज हो गई है. सोशल मीडिया पर हैशटैग #BoycottFrenchProducts और #Islam और #NeverTheProphet के तहत लोग अपनी भावनाएं शेयर कर रहे हैं.





वहीं ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने ट्वीट करते हुए मुस्लमानों को घृणा का प्राथमिक शिकार बताया है. इसके साथ ही चरमपंथियों की ओर से किए जा रहे मुस्लिमों और उनकी पवित्रताओं का अपमान करने को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का एक अवसरवादी दुरुपयोग बताया है.


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