एक तरफ जहां पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने चेतावनी दी है कि अगर सोमवार यानी 21 तारीख को ही इमरान सरकार के खिलाफ़ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव पाकिस्तानी संसद में वोटिंग के लिए नहीं लाया गया तो विपक्ष संसद में आयोजित होने वाला OIC कांफ्रेंस नहीं होने देगा. तो वहीं दूसरी तरफ इमरान सरकार अपनी पार्टी के बागी सांसदो के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने वाली है.


पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने इमरान सरकार से सरकारी संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है और साथ हीं अटार्नी जनरल को ये हिदायत भी दी है कि वो सोमवार को ही बाग़ी सांसदो के मामले में भी अपनी याचिका सुनवाई के लिए दायर कर दें. 


असल में औपचारिक तौर पर इमरान खान की पार्टी PTI के फिलहाल करीब 24 सांसद बागी हैं और इमरान सरकार इसी के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाने वाली है. सरकार की सुप्रीम कोर्ट से अर्ज़ी होगी कि वो ये फैसला करे कि पार्टी की पार्लियामेंट्री पार्टी के फैसले के खिलाफ़ जाकर अगर कोई सांसद अपने ही दल के खिलाफ वोटिंग करे तो Article 63-A के मुताबिक उसकी सदस्यता जानी तो तय है मगर ये कार्यवाई वोटिंग से पहले हो या फिर बाद में. ज़ाहिर है इमरान खान चाहेंगे कि इन सांसदो की सदस्यता पहले ही रद्द कर दी जाए. 


इमरान सरकार का कहना है कि वो सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की डे टू डे सुनवाई की मांग करेंगे. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट एक तो इस मामले में क्या रुख़ इख्तयार करता है और कब तक अपना फैसला सुनाता है. क्योंकि अगर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई लंबी खींची तो फिर अप्रैल के पहले हफ्ते से रमजान शुरू हो जाएगा और फिर ये मामला मई महीनों तक खिंच सकता है. वहीं मामला जितना लंबा चलेगा उतना ही विपक्ष का मूवमेंट ठंढ़ा पड़ जाएगा.


लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट ने जल्दी ही सुनवाई करके ये तय कर दिया कि किसी भी सांसद के खिलाफ सदस्यता रद्द करने की कार्रवाई तब तक नहीं हो सकती जब तक उसने सदन में पार्टी के खिलाफ़ वोट ना किया हो तो इमरान खान के लिए सरकार बचा पाना तकरीबन नामुमकिन हो जाएगा.


इमरान की कुर्सी क्यों डोल रही है? 


पाकिस्तान में इमरान खान सरकार मुश्किल में घिरती जा रही है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय में एक अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. अविश्वास प्रस्ताव में आरोप लगाया गया है कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है. कई अन्य वजहों से भी इमरान सरकार की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं.


इमरान खान की कुर्सी के खतरे में होने के पांच बड़े कारण



  • पाकिस्तान सेना से बढ़ती दूरियां

  • सहयोगी PML-Q और MQM-P की इमरान से नाराज़गी. खासकर PML-Q की पंजाब के मुख्यमंत्री पद की मांग

  • 11 विपक्षी पार्टियों के PDM गठबंधन और PPP का उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव देना.

  • संसद में इमरान की PTI और सहयोगी दलों के 179 और विपक्ष के 162 के बीच बहुत कम फासला होना.

  • खुद उनकी ही पार्टी के करीब 30 से 32 सांसदो की उनसे नाराज़गी. बता दें सत्तारूढ़ पार्टी के करीब दो दर्जन असंतुष्ट सांसदों ने संसद में विपक्ष द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर उनके खिलाफ वोट करने की खुलेआम धमकी दी है, जिससे सरकार बचाए रखने को लेकर खान की चुनौतियां बढ़ गई हैं.


गौरतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में नेशनल असेंबली का सत्र 21 मार्च को बुलाया जा सकता है जबकि इस पर सदन में मतदान 28 मार्च को कराये जाने की संभावना है.


ये भी पढ़ें:


पाकिस्तान में अगर गिरी इमरान सरकार तो क्या होगा? ये रहे सियासी समीकरण, भारत को लेकर बदल सकता है मिजाज़


Russia Ukraine War: यूक्रेन में पहली बार रूस ने दागी किंजल हाइपरसोनिक मिसाइलें, हथियारों का गोदाम किया तबाह