Pakistan China Relations : पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार 4 दिन की यात्रा पर चीन पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ रणनीतिक वार्ता की. चीन ने इस दौरान सुरक्षा का मुद्दा उठाया. चीन ने बुधवार को पाकिस्तान से कहा कि वह चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) में लगे हजारों चीनी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए पूरी कोशिश करे. पाकिस्तान में बढ़ते हमलों को लेकर बीजिंग ने यह चिंता जताई. वांग ने डार से कहा कि चीन को उम्मीद है कि पाकिस्तान चीनी कर्मियों और चीनी उद्यिमों की चिंताओं को खत्म करने के लिए पूरी कोशिश करेगा.


दरअसल, पाकिस्तान में 60 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाले सीपीईसी प्रॉजेक्ट में काम करने वाले चीनी कर्मियों पर बार-बार हमले हो रहे हैं. मार्च में ही खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक चीनी कंपनी आतंकवादी हमला हुआ था. इसमें 5 चीनी और एक पाकिस्तानी नागरिक की मौत हो गई थी .


दोनों देशों में कई मुद्दों पर बनी सहमति
डार ने कहा कि पाकिस्तान इस जघन्य हमले की योजना बनाने वालों, फंड देने वालों और अपराधियों कार्रवाई के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. पाकिस्तान देश में चीनी कर्मियों और संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करेगा. पाकिस्तान का कहना है कि चीनी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए 12,000 अर्धसैनिक बल का गठन किया है. वांग ने पैसों की किल्लत से जूझ रहे पाकिस्तान को आश्वासन देते हुए कहा कि चीन अपने संकल्प से पीछे नहीं हटेगा. डार ने कहा कि दोनों पक्ष एमएल-1 रेलवे लाइन परियोजना, ग्वादर बंदरगाह विकास और काराकोरम राजमार्ग के पुनर्गठन में तेजी  लाने पर सहमत हुए. कृषि, खनन, खनिज, ऊर्जा, आईटी और औद्योगिक क्षेत्रों में भी संबंध मजबूत करने पर भी सहमति हुई है


भारत करता रहा है विरोध
भारत ने चीन और पाकिस्तान के सीपीईसी के निर्माण का विरोध किया है. क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजर रहा है. डार ने कहा कि इस्लामाबाद वन-चाइना पॉलिसी का पालन करता है, चीन के मूल हितों से संबंधित सभी मुद्दों पर बिना किसी हिचकिचाहट के चीन का समर्थन करता है.