लद्दाख में चीन से लगते वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पिछले साल मई के बाद से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है. कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कई दौर की बातचीत के बावजूद अब तक दोनों देशों की तरफ से सैन्य वापसी नहीं हो पाई है. इस बीच, एलएसी पर चीन अपने जंगी विमानों के बेड़े को बढ़ाने की कोशिश के तहत अब वह नई छावनी पूर्वी लद्दाख के पास तैयार कर रहा है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चीन लड़ाकू विमानों के ऑपरेशन के लिए पूर्वी लद्दाख के नजदीक शिनजियां प्रांत के शेक्चे टाउन में नया एयर बेस बना रहा है.


एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि यह एयर बेस पहले से बने काशगर और होगन के बीच तैयार किया जा रहा है, जो लंबे समय से भारतीय सीमा के पास लड़ाकू विमानों का संचालन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि शेक्चे टाउन में पहले से ही एयरबेस है और से लड़ाकू विमानों को ऑपरेशन के लिए अपग्रेड किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, जल्द भविष्य में यह एयरबेस लड़ाकू विमानों के ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाएगा और इस पर काम में काफी तेजी लाई जा रही है.


एलएसी से सटे चीन में मौजूदा हवाई छावनी लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए करीब 400 किलोमीटर की दूरी पर है. ऐसे में शेक्चे एयरबेस एक पुल का काम करेगा. इधर, उत्तराखंड सीमा के नजदीक बाराहोती में चीन की तरफ से भारी संख्या में अनमैन्ड व्हीकल (यूएवी) के लाने और उस क्षेत्र के आसमान में उसके लगातार उड़ाए जाने पर भारतीय एजेंसियों की तरफ से पैनी निगाहें रखी जा रही है.


हाल में चीन ने भारतीय सीमा के पास बड़ा युद्धाभ्यास किया था और होगान, काशगर और गर गुनासा एयरफील्ड से रॉकेट दागे गए थे. इस युद्धाभ्यास पर भारत की कड़ी नजर थी और किसी भी तरह के दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए वह पूरी तरह से तैयार था.


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