Aung San Suu Kyi: म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi ) को चुनावी धोखाधड़ी (Electoral Fraud) के लिए दोषी पाया गया है. इस मामल में सैन्य शासित म्यांमार की कोर्ट ने उन्हें तीन साल की कड़ी सजा सुनावी है. बता दें कि नोबेल पुरस्कार विजेता और म्यांमार के दशकों के सैन्य शासन के विरोध की प्रमुख सू की फरवरी 2021 में तख्तापलट के बाद से हिरासत में थी. वह इससे पहले भ्रष्टाचार सहित कई अपराधों के लिए भी दोषी ठहराई जा चुकी हैं.


सूत्रों से ये जानकारी मिली है. सूत्र ने ये भी कहा कि अपदस्थ राष्ट्रपति सह-प्रतिवादी विन मिंट को भी यही सजा दी गई थी.


सू की पार्टी का अस्तित्व खतरे में पड़ा
सू की को चुनावी धोखाधड़ी में दोषी करार दिए जाने और कोर्ट द्वारा तीन साल की कड़ी सजा सुनाए जाने के बाद उनकी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी का अस्तिव भी खतरे में आ गया. बता दें कि सरकार द्वार चुनाव से पहले इसे भंग करने की बात भी कही गई थी. वहीं सैन्य शासित म्यांमार ने 2023 में चुनाव होने की संभावना है. ऐसे आंग सान सू की को मिली सजा पार्टी के लिए काफी बड़ी मुसीत बन गई है.



सू की की पार्टी ने 2020 के आम चुनाव में भारी जीत हासिल की थी
बता दें कि आंग सान सू की की पार्टी ने 2020 के आम चुनाव में म्यांमार में विजय पताका फहराई थी लेकिन 1 फरवरी 2021 को बड़ा झटका देते हुए म्यांमार की सेना ने तख्तापलट कर दिया था और सत्ता हथिया ली थी. आरोप लगाया गया था कि सू की ने चुनाव में धोखाधड़ी की है. हालांकि सू की की एनएलडी ने चुनाव में धोखाधड़ी से साफ इनकार किया है और कहा है कि उसने निष्पक्ष रूप से जीत हासिल की थी.


सू की पर कई आरोप हैं
76 वर्षीय सू की भ्रष्टाचार और उकसाने से लेकर ऑफिशियल सीक्रेट्स को लीक करने तक के कई आरोपों में एक साल से अधिक समय से मुकदमा झेल रही हैं. इनके लिए संयुक्त अधिकतम सजा 190 साल से अधिक है. उनका मुकदमा राजधानी नेपीटाव में बंद दरवाजों के पीछे चलाए गए हैं, और कार्यवाही पर जुंटा के बयान सीमित हैं. सू की के वकीलों पर रोक लगाने का आदेश भी दिया गया है. वहीं इससे पहले म्यांमार की एक कोर्ट ने सू की को भ्रष्टाचार के एक मामले दोषी ठहराते हुए 17 साल की सजा सुनाई थी.


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