अमेरिका में कोरोना वायरस की वैक्सीन एस्ट्राजेनेका के तीसरे ट्रायल में 79 प्रतिशत तक सफलता मिली है. इसलिए इसे यूके के परीक्षण परिणामों की तुलना में बहुत ज्यादा कारगर माना जा रहा है. वहीं इंटरनल डाटा के मुताबिक ये वैक्सीन 65 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों के लिए 100 प्रतिशत प्रभावकारी साबित हुई है. इसको लगाने के बाद कोरोना वायरस का खतरा नहीं रह जाता है. वहीं एस्ट्राजेनेका कंपनी के मुताबिक ये डाटा विश्वास दिलाता है कि सभी उम्र के बड़े लोग वायरस से सुरक्षित रहेंगे. इतना ही नहीं एस्ट्राजेनेका वैक्सीन ने यूरोप के कई देशों में एक बड़ी हिट ले ली है. वहीं भारत सरकार प्रशासित किए जा रहे वैक्सीन के गंभीर प्रतिकूल प्रभावों की निगरानी कर रही है, जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई गई कोविल्ड, एस्ट्राजेनेका शामिल है.
क्या है वैक्सीन के परिणाम?
जानकारी के मुताबिक इंटर्नल डाटा 32,000 से ज्यादा ऐसे लोगों पर आधारित है जिन्होंने वैक्सीन लगाई है. गौरतलब है कि 65 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों में वैक्सीन की डोज 80 प्रतिशत तक सफल साबित हुई. वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर स्कूल ऑफ मेडिसिन में हुए एक परीक्षण में कहा गया कि ये निष्कर्ष पिछले दिनों AZD1222 परीक्षणों में देखे गए हैं. लेकिन पहली बार 65 की उम्र से ज्यादा लोगों में समान प्रभावकारिता परिणाम देखना रोमांचक है.
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव का बयान:
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने बताया कि अगर एफडीए वैक्सीन को मंजूरी दे देता है तो गवर्नर एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को वितरण प्रणाली में समान रूप से हासिल करेंगे. वहीं दिलचस्प बात ये है कि अमेरिकी परीक्षण के आंकड़ों से पता चला है कि वैक्सीन की 79 प्रतिशत की प्रभावकारिता तब मिली जब वैक्सीन की दो डोज चार सप्ताह के अंतर में लगाई गई थी.
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