African Elephants Death: साल 2020 के अगस्त और नबंवर महीने में उत्तर पश्चिमी जिम्बाब्वे में पैंतीस अफ्रीकी हाथियों की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी. इसी साल जिम्बाब्वे के पड़ोसी देश उत्तरी बोत्सवाना में भी लगभग 350 हाथियों की अचानक मौत हो गई. इसके बाद हाथियों की अचानक मौत ने वैज्ञानिकों का ध्यान खींचा. लेकिन उस वक्त एक साथ इतने हाथियों के मरने के पीछे की वजह सामने नहीं आ पाई.


ब्लड इफेंक्शन थी मौत की वजह


शुरूआती जांच के आधार पर यह माना गया कि सूखे की वजह से हाथियों की इतनी बड़ी संख्या में मौत हो गई. हालांकि अब 15 जानवरों के नमूनों पर आधारित शोध के मुताबिक, यह पता चला है कि जीवाणु संक्रमण की वजह से हाथियों की मौत हुई थी. नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में 25 अक्टूबर को प्रकाशित एक विश्लेषण में बिस्गार्ड टैक्सोन 45 नाम के एक ऐसे जीवाणु के बारे में पता चला जिससे हाथियों में सेप्टीसीमिया (ब्लड इफेंक्शन) हो गया. 


जर्नल में बताया गया कि मौतें इसलिए हुईं क्योंकि सूखे मौसम के दौरान भोजन और जल संसाधन कम हो गए थे जिसके कारण हाथियों को पानी की तलाश और चारे के लिए लंबी दूरी तय करने के लिए मजबूर होना पड़ा.


जिम्बाब्वे की विक्टोरिया फॉल्स वाइल्डलाइफ ट्रस्ट के डॉ क्रिल फॉगिन्स ने सीएनएन को बताया है कि हाथियों की मौत के लिए जलवायु परिवर्तन को सीधे तौर पर जिम्मेदार बताना जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा, "हां, ये तय है कि आने वाले समय में सूखे और बारिश के बदलते पैटर्न की वजह से हाथी खतरे में आ सकते हैं."


घट रही अफ्रीकी हाथियों की आबादी


अफ्रीकन एलीफेंट हाथियों की एक प्रमुख प्रजाति है. इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर रेड लिस्ट में बताया गया है कि 2007 से 2014 के बीच हाथियों की जनसंख्या 3 लाख 50 हजार से घटकर 1 लाख 44 हजार रह गई है.


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