Afghanistan People Reaction: पाकिस्तान में अवैध रूप से रहे अफगान लोगों को वापस अफगानिस्तान भेजा रहा है. इसकी वजह से अफगानिस्तानी नागरिक तोरखम सीमा के रास्ते देश छोड़ रहे हैं. इसी मुद्दे पर पाकिस्तानी यूट्यूबर शोएब चौधरी ने एक अफगानी से बात की. अफगानी युवक ने यूट्यूबर से बात करते हुए कहा कि मेरा जन्म यहां पाकिस्तान में ही हुआ है. मैं कैसे अफगानिस्तान जा सकता हूं. मैं मर भी जाऊंगा लेकिन पाकिस्तान को छोड़कर वापस अफगानिस्तान नहीं जा सकता.


पाकिस्तान में कई सालों से रहने वाले अफगानी शख्स ने कहा कि मैं और मेरा पूरा खानदान पिछले 40 सालों से पाकिस्तान में रह रहा है. अगर आज के वक्त में हमें अफगानिस्तान भेजे जाने पर मजबूर किया गया तो हम वहां कैसे रहेंगे. हमारा अफगानिस्तान में कुछ भी नहीं है. आपको बता दें कि पाकिस्तान से अब तक कुल 1 लाख 70 हजार लोग पाकिस्तान छोड़ कर अफगानिस्तान जा चुके हैं.


हर दिन घट रही है अफगानियों की तादाद
आपको बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने अवैध रूप से रह रहे अफगानी नागरिकों को एक नवंबर तक पाकिस्तान छोड़ने का आदेश देते हुए कहा था कि ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आदेश के बाद से ही इन नागरिकों की स्वैच्छिक वापसी जारी है. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक  17 सितंबर से कुल 1,74,358 अफगान नागरिक अपने देश रवाना हो चुके हैं. स्वैच्छिक वापसी जारी है और हर बीतते दिन के साथ वापस जाने वालों की संख्या घट रही है.



पाकिस्तान से अफगान लोगों को वापस भेजने के अभियान में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि अफगान लोगों को दी गई समय सीमा के खत्म होने तक देश की सीमा पर अफगानियों की बड़ी संख्या थी लेकिन अब यह घट रही है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार महिलाओं और बच्चों समेत 6,584 अफगान नागरिकों ने रविवार को पाकिस्तान छोड़ दिया. वहीं शनिवार को खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब की विभिन्न जेलों से 209 कैदियों को 46,936 पुरुषों, 35,507 महिलाओं और 85,331 बच्चों के साथ वापस भेजा गया.


अफगानी कैदियों को भी वापस भेजा जा रहा है
पाकिस्तान से 3 नवंबर को 148 कैदियों, 44,718 पुरुषों, 33,699 महिलाओं और 82,221 बच्चों को वापस भेजा गया. आधिकारिक आंकड़ों में बताया गया कि अपनी इच्छा से अफगानिस्तान लौटने वाले लोगों के अलावा छोटे-मोटे अपराधों के कारण जेल में बंद कैदियों को भी वापस भेजा जा रहा है. पाकिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री जान अचकजई के अनुसार चमन सीमा से अफगानिस्तान के लगभग 700 नागरिक अपने देश गए.


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