Ashraf Ghani on Twitter: अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो चुका है. वहीं अब तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी सरकार का गठन भी कर लिया है. इस बीच अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान छोड़कर भाग जाने के मुद्दे पर ट्विटर पर अपनी सफाई दी है. साथ ही अफगानिस्तान छोड़ते वक्त धन राशि लेकर जानने के आरोपों को निराधार बताया है.


अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने अफगानिस्तान छोड़ने के फैसले को सबसे मुश्किल बताया है. उन्होंने कहा, 'काबुल को छोड़ना मेरे जीवन का सबसे कठिन निर्णय था, लेकिन मेरा मानना था कि बंदूकों को शांत रखने और काबुल और उसके नागरिकों को बचाने का यही एकमात्र तरीका है.' अपने बयान में गनी ने कहा कि उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था ताकी खूनखराबा रोका जा सके.






आरोपों को बताया गलत


वहीं अशरफ गनी पर ये आरोप भी लगे की अफगानिस्तान छोड़ते वक्त वे काफी राशि अपने साथ ले गए थे. इन आरोपों को उन्होंने बेबुनियाद बताया है और कहा है, 'काबुल से निकलते ही अफगानिस्तानी लोगों के लाखों डॉलर ले जाने के आरोप निराधार हैं और यह पूरी तरह से गलत हैं.' अशरफ गनी ने इसके लिए यूएन के नेतृत्व में जांच करवाए जाने की बात भी कही है.


अफगानिस्तान के अपदस्थ राष्ट्रपति ने यह भी लिखा कि अब स्थिति का जायजा लेने और उन घटनाओं का आंकलन करने का समय है जिनके कारण उनकी सरकार गिर गई. बयान में कहा गया, 'मैं निकट भविष्य में विस्तार से संबोधित करूंगा.' बता दें कि अशरफ गनी अपने शीर्ष मंत्रियों के साथ अफगानिस्तान से भाग गए थे क्योंकि तालिबान ने इस साल 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था.



यह भी पढ़ें:
Afghanistan New Government: तालिबानी सरकार में नजर आ रही 'मेड-इन पाकिस्तान' की छाप, भारत के लिए बढ़ी चिंता
Taliban New Government: तालिबान सरकार में किसे-कौन सा मंत्रालय मिला, यहां देखिए सभी 33 मंत्रियों की लिस्ट