अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद स्थिती बहुत ज्यादा खराब होते दिख रही है. वहीं अब अफगानिस्तान में मानवीय संकट पैदा हो गया है. देश के लोग भूखमरी और बीमारियों की चपेट में आ गए हैं जिसमें एक करोड़ की संख्या से ज्यादा बच्चे और महिलाएं शामिल हैं.


दरअसल, यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा एच. फोर ने बीते दिन कहा कि, "आज, अफगानिस्तान में लगभग 10 मिलियन बच्चों को जीवित रहने के लिए मानवीय सहायता की जरूरत है. वहीं, इस साल करीब 10 लाख बच्चों के गंभीर कुपोषण से पीड़ित होने का अनुमान है. साथ ही कहा कि बिना इलाज के इनकी मृत्यु भी हो सकती है."


स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार जारी रखना जरूरी है- विश्व स्वास्थ्य संगठन


वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो देश की आधे से ज्यादा आबादी को मानवीय सहायता की जरूरत है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के प्रवक्ता के मुताबिक, अफगानिस्तान में मौजूदा सूखे से पहले की स्थिती के और बिगड़ने की आशंका है. डब्लूएचओ का कहना है कि देश में बिना किसी रुकावत के स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार जारी रखना जरूरी है.


बाइडेन लेंगे फैसला


बता दें, हालात को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन फंसे अमेरिकियों और उनके सहयोगियों को निकालने की तय 31 अगस्त की समय सीमा को बढ़ाने पर आज फैसला ले सकते हैं. दरअसल, बाइडेन ने रविवार को कहा कि लोगों को निकालने की प्रक्रिया "कठिन और दर्दनाक" थी और अभी भी बहुत कुछ हो सकता है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैनिक लोगों के निकालने के लिए 31 अगस्त की समय सीमा को बढ़ाया जा सकता है.


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