देवघरः पंडा धर्मरक्षिणी सभा ने देवघर प्रशासन से बाबा बैद्यनाथ मंदिर के खोले जाने की मांग की है. चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मंदिर नहीं खुला तो 27 अगस्त को एक दिन सभा सरकार और प्रशासन के निर्णय के विरोध में सांकेतिक हड़ताल की जाएगी. दरअसल, कोरोना संक्रमण को देखते हुए झारखंड सरकार द्वारा विश्व प्रसिद्ध मंदिर और बाबा बैधनाथ धाम में आम जनों की ओर से पूजा अर्चना पर प्रतिबंध है. ऐसे में पुजारियों के साथ-साथ व्यवसायियों पर भी खासा प्रभाव पड़ा है. इसी को देखते हुए और कोरोना के केस में आई कमी को देखते हुए मंदिर खोले जाने की मांग की गई है.


दरअसल, पूजा-पाठ पर प्रतिबंध लगाए जाने की वजह से दुकानदारों की कमर टूट गई है. सबसे ज्यादा प्रभाव उन छोटे दुकानदारों पर पड़ा है जो शिव भक्त श्रद्धालुओं को फूल, बेलपत्र, अगरबत्ती, आदि बेचते थे. देवघर धर्मरक्षिणी सभा के मंत्री पंडा अरुणानंद झा ने उपायुक्त को एक आवेदन देकर आमजनों के लिए मंदिर को खोले जाने की मांग की है.


कोरोना संक्रमण लगभग कम और समाप्ति की ओर


आवदेन के जरिए प्रशासन से गुजारिश करते हुए कहा है कि अब कोविड का संक्रमण लगभग कम और समाप्ति के कगार पर है. ऐसे में अब बाबा मंदिर को खोलने की जरूरत है. देश के कई अन्य भागों में मंदिरों को खोल दिया गया है. उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर 26 अगस्त तक प्रशासन मंदिर के कपाट पूजा अर्चना के लिए नहीं खोलता है तो 27 अगस्त को सरकार और प्रशासन के निर्णय के विरोध में सांकेतिक हड़ताल की जाएगी.


रोजगार पर व्यापक असर का दिया गया हवाला


बता दें कि पिछले वर्ष से ही कोविड के संक्रमण को देखते हुए सरकार ने मंदिर बंद करने का निर्णय लिया है. हालांकि बीच में कुछ समय के लिए मंदिर खुला था, लेकिन जब कोरोना की दूसरी लहर आई तो फिर से मंदिर को आमजनों के लिए बंद कर दिया गया. ऐसे में अब इसे फिर से खोले जाने की मांग उठने लगी है. क्योंकि पंडा धर्मरक्षिणी सभा का कहना है कि इससे रोजगार पर व्यापक असर पड़ रहा है. इसे देखते हुए इस ओर कदम उठाने की जरूरत है.


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