Texas Abortion Law: अमेरिका के टेक्सास की एक अदालत ने शुक्रवार को एक अस्थायी आदेश जारी किया. जिसमें कोर्ट ने उन महिलाओं और डॉक्टरों के समूह का पक्ष लिया , जिन्होंने राज्य के गर्भपात प्रतिबंधों को चुनौती देते हुए मुकदमा दायर किया था. 


अपने लिखित फैसले में, न्यायाधीश जेसिका मैंग्रम ने लिखा कि वह इस बात से सहमत हैं कि टेक्सास के गर्भपात प्रतिबंधों के कारण महिलाओं को "गर्भपात देखभाल तक पहुंच में देरी हुई या फिर डॉक्टरों ने डर की वजह से इलाज करने से इनकार कर दिया. ऐसे में उन्होंने आदेश दिया कि डॉक्टरों पर उनके "अच्छे विश्वास निर्णय" का प्रयोग करने के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. कोर्ट ने आपातकालीन स्थिति के लिए गर्भपात पर लगे प्रतिबंध को अस्थायी रूप से हटा दिया. 


मेडिकल इमेरजेंसी को देख डॉक्टरों को लेना होगा फैसला 


सेंटर फॉर रिप्रोडक्टिव राइट्स द्वारा दायर मामले में तर्क दिया गया है कि जिस तरह से टेक्सास के कानूनों में चिकित्सा अपवादों को परिभाषित किया गया है वह भ्रामक है. डॉक्टरों के बीच डर पैदा कर रहा है और "स्वास्थ्य संकट" पैदा कर रहा है. सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि डॉक्टरों को यह निर्धारित करने की अनुमति दी जानी चाहिए कि उन्हें क्या लगता है. किस तरह की मेडिकल इमेरजेंसी हैं, जो एक महिला के "जीवन और स्वास्थ्य (उनकी प्रजनन क्षमता सहित)" को खतरे में डाल सकती हैं.


अमांडा ज़ुरावस्की के मामले पर हुई सुनवाई 


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने पिछले महीने अमांडा ज़ुरावस्की की गवाही सुनी, जिसमें कहा गया कि गर्भावस्था में बहुत जल्दी पानी निकलने के बावजूद उन्हें गर्भपात से इनकार कर दिया गया था, जिसका अर्थ था कि गर्भपात जरुरी था. ज़ुरावस्की ने कोर्ट में बताया कि डॉक्टर ने डर की वजह से उनका इलाज नहीं किया, जिससे भ्रूण मृत पैदा हुआ था. 


बता दें कि पिछले साल टेक्सास सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें कहा गया था कि क्लीनिक गर्भपात करना जारी रख सकते हैं. कोर्ट के इस फैसले के बाद  करीब तीन करोड़ की आबादी वाले टेक्सास प्रांत में क्लीनिक ने गर्भपात करना बंद कर दिया था. 


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