नई दिल्ली: गुजरात के बनासकांठा में एक दलित को घोड़ी पर बारात लेकर जाना महंगा पड़ गया. ऊंची जाति के दबंगों को ये बात रास नहीं आई कि कोई दलित गांव में घोड़ी पर चढ़कर बारात निकाले. जब दलितों ने दबंगों की धमकी की परवाह नहीं की तो उन पर पत्थर फेंके गये. जिसके बाद पुलिस सुरक्षा में दलित को बारात निकालनी पड़ी. घटना संदीपाड़ा गांव की है.


उच्च जाति को दलित का घोड़ा चढ़ना नापसंद


27 वर्षीय आकाश कोटडिया जम्मू-कश्मीर में सेना में तैनात हैं. कुछ दिन पहले छुट्टी लेकर अपनी शादी करने गांव पहुंचे. जब उनकी बारात घोड़े पर सवार होकर निकली तब उच्च जाति के दबंगों ने घोड़ी पर बैठने का विरोध किया. जिससे गांव में दो समुदायों के बीच तनाव का माहौल बन गया. हालांकि घोड़ी खुद उच्च जाति ठाकोर समुदाय की थी. आरोप है कि जब दलितों ने धमकी की परवाह नहीं की तो उन पर पत्थर फेंके गये. दबंगों की तरफ से पत्थरबाजी की घटना में कुछ औरतें और एक बुजुर्ग घायल हो गये. जिस वक्त पत्थरबाजी हुई उस वक्त गरबा खेलने के साथ डीजे का धुन बज रहा था. अपने ऊपर हमला होता देख दलितों ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई.


पुलिस सुरक्षा में निकाली गई सेना के जवान की बारात


बनासकांठा दलित समाज के अध्यक्ष दलपतभाई भाटिया कहते हैं, "जब हमने उच्च जाति के दबंगों के विरोध की परवाह नहीं की तो उन्होंने हमारे ऊपर पत्थर फेंके. पत्थर कुछ महिलाओं और एक बुजुर्ग को लगा. जिस वक्त पत्थरबाजी हुई उस वक्त बारात निकली हुई थी." उन्होंने कहा कि पुलिस को सारी बात बताने पर सुरक्षा दी गई. इस तरह पुलिस सुरक्षा में शादी समारोह संपन्न कराया गया. पुलिस का कहना है कि स्थिति काबू में है. पत्थरबाजों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच की जांच की जा रही है.


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