Maharashtra Isapur Dam, Parli Ahilya Express: बीजेपी (BJP) ने महाराष्ट्र में पडलकर शौर्य दिवस के अवसर पर पेनगंगा नदी पर बने ईसापुर बांध का नाम 'आद्य क्रांतिवीर नवसाजी राजे नाईक' और परली अहिल्या एक्सप्रेस को 'धर्मजीराजे मुंडे एक्सप्रेस' के नाम पर रखने की मांग की है. बीजेपी एमएलसी गोपीचंद पडलकर (MLC Gopichand Padlakar) धनगर समुदाय (चरवाहों) के इतिहास को याद करते हुए वंजारी समाज का सम्मान करने के लिए नाम बदलने की मांग की है. विधायक पडलकर ने यह बात महाराष्ट्र के दाबेली गांव में कही. जहां उनके साथ नवसाजी राजे नाइक और धर्मजीराजे मुंडे के वंशज भी मौजूद थे.


नाम बदलने की मांग क्यों की? 


पडलकर ने कहा की नवसाजी राजे नाइक ने अंग्रेजों और निजाम के खिलाफ कई लड़ाई लड़ी और फिर महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के एक छोटे से हिस्से में अपना साम्राज्य स्थापित किया. बीड के धर्मजीराजे मुंडे ने भी अकेले ही अंग्रेजों और निजाम के खिलाफ लड़ाई लड़ी. बीड जिले में परली-वैजनाथ की जमीन कई क्रांतिकारियों और समाज सुधारकों की है. इस जमीन के लिए भाजपा के दिवगंत नेता गोपीनाथ मुंडे के संघर्ष को कोई नहीं भूल सकता. यहां से ही पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर और संत भगवान बाबा भी आए थे.   


पाठयक्रम का हिस्सा क्यों नहीं बनी? 


एमएलसी गोपीचंद ने कहा कि हमें खेद कि भूमि का इतिहास और संस्कृति कभी मुख्यधारा का हिस्सा नहीं बनी. देश या राज्य में इसके बारे में क्यों कोई नहीं जानता? यह हमारे सिलेबस का हिस्सा क्यों नहीं बनी? यह नायक रिर्सच के कामों में भी क्यों नहीं दिखता है? गांव के लोग जानते कि कैसे धर्मजी मुंडे ने अंग्रेजों और निजाम के खिलाफ संघर्ष किया था. एमएलए गोपीचंद पडलकर ने सवाल उठाते कहा कि रामोशी, कोली, वंजारी, भिल्ल समुदायों ने उस समय निजाम के खिलाफ लड़ाई लड़ी लेकिन क्या आपने फिर भी मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम में इनके नाम सुने हैं?  


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