नई दिल्ली: बीजेपी सांसद वरुण गांधी बीते कुछ दिनों से लगातार अपनी सरकार पर ही सवाल उठा रहे हैं. लखीमपुर हिंसा को लेकर वरुण गांधी लगातार ट्वीट कर सरकार से कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. अब कांग्रेस ने उनपर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि अगर बीजेपी नेता वरुण गांधी किसानों के लिए अपनी लड़ाई को लेकर ईमानदार हैं तो उन्हें अपनी पार्टी छोड़कर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतरना चाहिए.


पार्टी नेता अलका लांबा ने यह भी कहा कि अगर वरुण गांधी को लगता है कि उन्हें अगले कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद दिया जाएगा तो वह गलत हैं. उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'मैं वरुण गांधी को सुझाव दूंगी कि अगर उनमें थोड़ा भी स्वाभिमान बचा है और अगर वह लखीमपुर खीरी में कुचले गए किसानों के लिए अपनी लड़ाई को लेकर ईमानदार हैं, तो उन्हें ट्विटर पर लड़ाई लड़ने के बजाय बीजेपी छोड़कर सड़कों पर उतरना चाहिए और अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए. अगर उन्हें (वरुण) लगता है कि कैबिनेट के अगले विस्तार में उन्हें शामिल किया जाएगा, तो मुझे लगता है कि वह गलत हैं. उन्हें अभी फैसला करना चाहिए.'


यह पूछे जाने पर कि क्या वह बीजेपी के नेता को कांग्रेस में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रही हैं तो लांबा ने कहा, 'मैं उन्हें कोई निमंत्रण देने वाली नहीं हूं, यह वरुण गांधी का फैसला होगा.' बता दें, बीजेपी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी से वरुण गांधी और उनकी माता पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को बाहर कर दिया गया है.


वरुण गांधी का ट्वीट
दरअसल, वरुण गांधी ने गुरुवार को ट्विटर पर कथित तौर पर लखीमपुर खीरी की घटना की एक वीडियो क्लिप शेयर किया, जिसमें एक बीजेपी नेता के काफिले की एक एसयूवी प्रदर्शनकारी किसानों को कुचलते हुए दिखाई देती है. पीलीभीत से बीजेपी सांसद गांधी ने कहा, 'वीडियो बिलकुल स्पष्ट है. प्रदर्शनकारियों को हत्या के माध्यम से चुप नहीं कराया जा सकता है. निर्दोष किसानों की हत्या के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए. अहंकार और क्रूरता का संदेश हर किसान के जेहन में आने से पहले न्याय दिया जाना चाहिए.'


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