मुंबई: शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र विधान परिषद की पांच सीटों के चुनाव परिणाम दिखाते हैं कि अति आत्मविश्वास से भरी बीजेपी राज्य में आधार खो रही है. शिवसेना ने कहा कि बीजेपी के लिए सबसे अधिक चौंकाने वाला परिणाम नागपुर स्नातक सीट से आया है जहां उसका पांच दशक से अधिक समय तक कब्जा रहा.


पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा, "सबसे झकझोरने वाला परिणाम नागपुर का आया है. पांच दशक से नागपुर स्नातक निर्वाचन संघ पर भारतीय जनता पार्टी ही विजयी होती रही है. नितिन गडकरी ने नागपुर के स्नातकों का लगभग 25 सालों तक प्रतिनिधित्व किया. गडकरी से पहले विधान परिषद में नागपुर के स्नातकों का प्रतिनिधित्व एक अत्यंत ईमानदार, मेहनती संघ नेता गंगाधर पंत फडणवीस करते थे. जिनके सुपुत्र देवेंद्र फडणवीस हैं."


"विधानसभा चुनाव में ही बीजेपी की नींव हिलनी शुरू हो गयी थी"
शिवसेना ने कहा, "संघ का मुख्यालय नागपुर में ही है परंतु संघ की विचारधारा वाले लोगों का संगठन मजबूत होने के बावजूद नागपुर के महापौर संदीप जोशी को पराजय स्वीकार करनी पड़ी. विधानसभा चुनाव में ही बीजेपी की नींव हिलनी शुरू हो गयी थी. अमरावती शिक्षक निर्वाचन सीट पर भी बीजेपी परास्त हुई है. धुले-नंदुरबार विधान परिषद की सीट कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए अमरीश पटेल ने जीत ली. लेकिन यह पटेल की व्यक्तिगत जीत है, ना कि बीजेपी की."


'सामना' के अनुसार, पुणे की स्नातक सीट भी बीजेपी का गढ़ रही है, जहां से पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर विधान परिषद सदस्य होते थे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील पुणे स्नातक निर्वाचन संघ का नेतृत्व करते थे. इस दौरान ही वह महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री, प्रदेशाध्यक्ष बने. लेकिन अब उनके ही नेतृत्व में पुणे का स्नातक निर्वाचन क्षेत्र भाजपा ने गंवा दिया.


शिवसेना ने कहा, "बीजेपी को अत्याधिक आत्मविश्वास था. उसे लगता था कि उसे किसी की जरूरत नहीं है और अपने दम पर जीत सकती है. अच्छा है कि वह हार गयी. महा विकास आघाड़ी (एमवीए) ने मिलकर सभी सीटों पर अच्छी तरह से चुनाव लड़ा और एक दूसरे के लिए काम किया."


शिवसेना ने कहा कि नागपुर में कांग्रेस के सभी घटक और प्रतिद्वंद्वी साथ में आए और मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़े. अगर ऐसा हो सकता है तो नागपुर की जीत जैसा चमत्कार भी हो सकता है.


ये भी पढ़ें-