ब्रिटेन/नई दिल्ली: समाज में महिलाओं को अपना अधिकार पाने के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़नी पड़ी है. चाहे वो पढ़ने लिखने का अधिकार हो या फिर मतदान करने का अधिकार. इस अधिकार प्राप्ति की लड़ाई में कई लोगों को अपने प्राण की आहुती भी देनी पड़ी है. लोकतंत्र के आगमन के साथ शुरू में दुनियाभर में महिलाओं को मतदान देने का अधिकार नहीं था. धीरे-धीरे बदलते समय के साथ कई देशों ने महिलाओं को अपने पसंद का नेता चुनने का अधिकार दिया गया.


महिलाओं को लेकर पहले समाज की सोच इतनी ज्यादा रूढ़िवादी थी कि अमेरिका, फ्रांस जैसे देशों ने भी शुरूआत में महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं दिया गया था. हालांकि, इस मामले में भारत अन्य देशों से आगे है. यहां पर आजादी के बाद से संविधान में महिलाओं को वोट करने का अधिकार दिया गया और वो भी बराबरी के साथ.


महिलाओं को वोट देने के अधिकार के मामले में फ़िनलैंड, आइसलैंड, स्वीडन और कुछ ऑस्ट्रेलियाई उपनिवेश और पश्चिमी अमेरिकी राज्य में आगे हैं, जहां 19वीं सदी के अंत में महिलाओं को सीमित मतदान का अधिकार दिया गया था. महिलाओं को मतदान कराने की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय महिला मताधिकार गठबंधन का गठन किया गया है जिसका मुख्यालय जर्मनी के बर्लिन में है.


आज हम आपको बता रहे हैं कि अमेरिका ब्रिटेन, फ़्रान्स, जर्मनी और रूस जैसे विकसित देशो में कब महिलाओं को वोट करने का अधिकार दिया गया है.


जर्मनी में 12 नवंबर 1918 से महिलाओं को मतदान डालने का अधिकार दिया गया.


रूस में क्रांति के बाद 20 जुलाई 1917 को मतदान का अधिकार दिया गया है, जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं.


अमेरिका का लोकतंत्र सबसे पुराना है लेकिन यहां पर 1920 में जा कर महिलाओं को वोट करने का अधिकार दिया गया.


फ्रांस में 21 अप्रैल 1944 को महिलाओं को वोट करने का अधिकार दिया गया.


दुनिया के कई देशों पर राज करने वाले ब्रिटेन में 1918 में महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया गया.