Champai Soren Oath Ceremony: लोकसभा चुनाव से चंद दिनों पहले ही उत्तर भारत में महज एक सप्ताह के भीतर दो-दो राज्यों की सत्ता बदली है. बिहार में जनता दल प्रमुख नीतीश कुमार ने महागठबंधन को छोड़ NDA के साथ जाते हुए फिर एक बार राज्य की बागडोर अपने हाथ में ले ली. वहीं झारखंड में भी हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन राज्य के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. इस राजनीतिक उठापटक में जो एक बात सामने आ रही है वो ये है कि बिहार में नीतीश कुमार ने रविवार की सुबह-सुबह इस्तीफा दिया और शाम तक NDA के साथ से राज्य के मुख्यमंत्री की शपथ भी ले ली, लेकिन झारखंड में ऐसा नहीं हुआ. 


झारखंड में हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद JMM ने चंपई सोरेन को नया मुख्यमंत्री चुना और इसके लिए चंपई सोरेन ने 31 जनवरी को रात साढ़े 9 बजे के आस-पास ही राज्यपाल के सामने दावा पेश कर दिया. हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी को रात साढ़े 8 बजे के आस-पास ही इस्तीफा राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण को सौंप दिया था. हालांकि झारखंड में सरकार बनाने का न्योता देने के लिए राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण ने 25 घंटे से ज्यादा का समय लगा लिया.


चंपई सोरेन ने देर रात 11-साढ़े 11 बजे के बीच राज्यपाल से मुलाकात की और इसी दौरन राज्यपाल ने अगले दिन यानी सोमवार को उन्हें शपथ ग्रहण के लिए न्योता दिया. हालांकि शपथ ग्रहण का समय फिलहाल तय नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि 12 बजे के बाद चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले सकते हैं.


नहीं आया बुलावा तो चंपई ने लिखा पत्र


चंपई सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा को कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल का समर्थन प्राप्त होने के बाद भी राज्यपाल ने जब उन्हें इस्तीफा देने के अगले दिन यानी 1 जनवरी को भी शपथ ग्रहण के लिए बुलावा नहीं भेजा तो उन्होंने दोपहर दो बजे राज्यपाल को पत्र लिखा. करीब 16 घंटे तक राजभवन से बुलावा मिलने का इंतजार करने के बाद चंपई सोरेन ने गुरुवार दोपहर करीब दो बजे पत्र लिखा.


पत्र में चंपई सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद ही मेरे नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश किया गया है. हमने 47 विधायकों के समर्थन के दावे और 43 विधायकों की साइन का समर्थन पत्र आपको सौंपा है. 43 विधायक बुधवार को राजभवन के गेट के बाहर भी खड़े थे. पिछले 18 घंटों से राज्य में कोई सरकार नहीं है. इससे असमंजस की स्थिति है.


यहां मुलाकात में ही लग गए 26 घंटे


इस पत्र में चंपई सोरेन ने राज्यपाल से आग्रह करते हुए कहा कि सरकार बनाने के लिए उन्हें बुलाया जाए. चंपई सोरेन ने यह भी कहा है कि राज्यपाल अगर संतुष्ट होना चाहें तो सभी 43 विधायक राजभवन पहुंच सकते हैं. बहरहाल, इस पत्र के बाद राजभवन की ओर से चंपई सोरेन को शाम साढ़े 5 बजे मुलाकात का वक्त दिया गया. हालांकि ये मुलाकात राज 11 साढ़े 11 के बीच हुई और राज्यपाल ने उन्हें शपथ ग्रहण करने का न्योता दिया. नई सरकार के गठन और मुख्यमंत्री के शपथ के लिए बुलावे मात्र में झारखंड को लगभग 26 घंटे का समय लग गया था. हालांकि शपथ ग्रहण का समय अभी भी तय नहीं हुआ है. वहीं झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार में सुबह इस्तीफा और शाम तक तो शपथ ग्रहण के साथ नई सरकार का भी गठन हो गया था. 


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