पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) को लेकर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने सवाल उठाए हैं. बीजेपी पर निशाना साधते हुए टीएमसी नेता ने कहा कि अगर भाजपा अखंड भारत की बात करती है तो वो एसआईआर को लागू करने पर जोर क्यों दे रही है.

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कोलकाता में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुणाल घोष ने कहा कि बीजेपी की नीति विरोधाभासी है, क्योंकि वह दावा करती है कि घुसपैठिए देश में घुस रहे हैं, लेकिन इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की है, क्योंकि सीमा सुरक्षा उनके अधिकार क्षेत्र में आती है, इसलिए यह उनकी विफलता है. उन्होंने आगे सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आप 'अखंड भारत' चाहते हैं, तो SIR की क्या ज़रूरत है?

'अगर आप अखंड भारत चाहते हैं तो एसआईआर की क्या जरूरत'

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एएनआई के मुताबिक घोष ने कहा कि एक तरफ भाजपा दावा करती है कि देश में घुसपैठिए आ रहे हैं तो उन्हें रोकने की जिम्मेदारी किसकी है? यह अमित शाह की जिम्मेदारी है. दूसरी तरफ वे कहते हैं कि हम सीमाएं तोड़ देंगे, यह क्या है अब वे स्पष्टीकरण दे रहे हैं, लेकिन स्पष्टीकरण के मुख्य बिंदु में कोई स्पष्टीकरण नहीं है. अगर आपके दिमाग में दो देशों को एकजुट करने की योजना है तो पूरे देश को बताइए कि हम बांग्लादेश का विलय करना चाहते हैं, फिर घुसपैठ का मुद्दा क्यों उठाते हैं और अगर आप 'अखंड भारत' चाहते हैं तो एसआईआर की क्या जरूरत है?.

SIR के डर से हो रही मौतें- टीएमसी इससे पहले तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को एसआईआर को लेकर बीजेपी की आलोचना की और कहा कि पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान के एक और व्यक्ति की कथित तौर पर एसआईआर से डर के कारण मौत हो गई. टीएमसी की तरफ से एक्स पर की गई पोस्ट में कहा गया कि पूर्व बर्धमान जिले के जमालपुर के अंतर्गत नबाग्राम गांव के एक प्रवासी श्रमिक बिमल संतरा की मौत हो गई. बीजेपी की भय और घृणा की राजनीति के कारण एक और कीमती जीवन खो गया.

टीएमसी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "पानीहाटी के 57 वर्षीय प्रदीप कर ने आत्महत्या कर ली और अपने नोट में एनआरसी को दोषी ठहराया. कूचबिहार के दिनहाटा के जीतपुर के 63 वर्षीय व्यक्ति ने एसआईआर प्रक्रिया के तहत उत्पीड़न से घबराकर अपनी जान लेने की कोशिश की. पश्चिम मेदिनीपुर के कोतवाली अंतर्गत रहने वाले 95 वर्षीय खितीश मजूमदार अपनी बेटी के साथ बीरभूम के लामबाजार में रह रहे थे, जिन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली."

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