एअर इंडिया में शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग में खामियां अब भी जारी हैं, जबकि रेगुलेटर ने इसी मुद्दे पर 5 महीने पहले फटकार लगाई थी. ताजा मामले में एक सह-पायलट और एक वरिष्ठ कैप्टन को फ्लाइंग ड्यूटी से हटा दिया गया है, क्योंकि एयलाइन को पता चला है कि पिछले महीने उन्होंने एक-एक उड़ान का संचालन किया. 

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एक मामले में इंग्लिश लैंग्वेज प्रोफिशिएंसी (ईएलपी) लाइसेंस एक्सपायर हो चुका था, जबकि दूसरे मामले में एक सह-पायलट ने बाय-एनुअल पायलट प्रोफिशिएंसी चेक (पीपीसी) इंस्ट्रूमेंट रेटिंग (आईआर) टेस्ट क्लियर नहीं किया था. बता दें कि अब DGCA इन खामियों की जांच कर रहा है और एयरलाइन से रिपोर्ट मांगी गई है.

को-पायलट लेटेस्ट IR-PPC चेक क्लियर नहीं कर पाया

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रिपोर्ट के मुताबिक को-पायलट अपना लेटेस्ट IR-PPC चेक क्लियर नहीं कर पाया था हालांकि ये कोई बड़ी अनोखी बात नहीं है, लेकिन पायलट को फिर से उड़ान से पहले मैंडेटरी करेक्टिव ट्रेनिंग लेनी पड़ती है. इस केस में को-पायलट ने बिना ट्रेनिंग के फ्लाइट ऑपरेट कर दी और इस गलती को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है.

एअर इंडिया ने क्या कहा?

एअर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, 'फर्स्ट ऑफिसर का ट्रेनिंग चेक में अनसैटिस्फैक्टरी परफॉर्मेंस के बाद फ्लाइट ऑपरेट करने का केस पकड़ा गया, जैसे ही यह गलती नोटिस हुई. क्रू शेड्यूलर और पायलट को ऑफ-रोस्टर कर दिया गया है. आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और DGCA को रिपोर्ट कर दिया गया है.'

पायलट को ऑफ-रोस्टर किया गया

दूसरे केस में वरिष्ठ कैप्टन ने ELP लाइसेंस एक्सपायर होने के बावजूद A-320 फ्लाइट का पायलट-इन-कमांड रहते हुए ऑपरेट किया. बता दें कि ELP लाइसेंस पायलट के लिए उड़ान भरने की बेसिक रिक्वायरमेंट है. एअर इंडिया की ओर से कहा गया है कि सीनियर पायलट का एक्सपायर्ड ELP के साथ फ्लाइट ऑपरेट करने का केस सामने आया. इसके बाद पायलट को ऑफ-रोस्टर कर दिया गया और जांच चल रही है और DGCA को रिपोर्ट कर दिया गया है. सीनियर पायलट का कहना है कि ये खामियां एअर इंडिया में ओवरसाइट पर सवाल उठाती हैं कि सिर्फ सही पायलट ही रोस्टर पर आएं.

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