बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से कुछ ही दिन पहले राज्य की राजनीति में बड़ा मोड़ आया है. जदयू उम्मीदवार और बाहुबली छवि वाले नेता अनंत सिंह को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में हुई है, जिसने पूरे राज्य का ध्यान मोकामा सीट पर केंद्रित कर दिया है.

Continues below advertisement

अनंत सिंह को पुलिस ने पटना जिले के बाढ़ इलाके में स्थित कारगिल मार्केट से पकड़ा. उनके साथ दो करीबी सहयोगी भी हिरासत में लिए गए. तीनों को अदालत में पेश करने की तैयारी चल रही है. पटना के एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें 75 वर्षीय दुलारचंद यादव की मौत हो गई. जांच में यह पाया गया कि घटना के समय अनंत सिंह मौके पर मौजूद थे, इसलिए उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया है.

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने बदला मामला

Continues below advertisement

हत्या की जांच के दौरान आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. रिपोर्ट के अनुसार दुलारचंद यादव की मौत गोली से नहीं बल्कि शरीर पर आई गंभीर चोटों के कारण हुई. उनकी पसलियां टूटी थीं और फेफड़े को भी नुकसान पहुंचा था. इससे यह संभावना बढ़ गई है कि उन्हें किसी वाहन से कुचला गया या फिर साजिश के तहत हमला किया गया.

चुनाव आयोग ने अधिकारियों पर की सख्त कार्रवाई

घटना के बाद चुनाव आयोग ने प्रशासनिक स्तर पर तेजी से कदम उठाए. बाढ़ के एसडीओ चंदन कुमार को हटाकर आईएएस आशीष कुमार को जिम्मेदारी दी गई. कई पुलिस अधिकारियों का तबादला किया गया और कुछ को निलंबित कर दिया गया. पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग का भी ट्रांसफर कर दिया गया. आयोग ने बिहार के डीजीपी से इस पूरी घटना की डिटेल रिपोर्ट मांगी है.

पुलिस विभाग में बढ़ी सतर्कता

हत्या के बाद घोसवारी और भदौर थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है. जिले भर में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि चुनावी माहौल शांत रहे और किसी तरह की हिंसा दोबारा न हो.

अनंत सिंह ने भी दर्ज कराई शिकायत

अपनी गिरफ्तारी से पहले अनंत सिंह ने अपने विरोधी पीयूष प्रियदर्शी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. उनका कहना है कि यह राजनीतिक साजिश है. हालांकि पुलिस का दावा है कि उनके खिलाफ काफी सबूत मौजूद हैं और जांच उसी दिशा में आगे बढ़ रही है.

चुनावी असर और बदलते समीकरण

अनंत सिंह की गिरफ्तारी से मोकामा सीट पर चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं. यह सीट पहले से ही बाहुबल और जातीय राजनीति का केंद्र रही है. अब जदयू के लिए स्थिति और कठिन हो सकती है, जबकि विपक्षी दल इस घटना को चुनावी मुद्दा बनाकर जनता के बीच जोरदार प्रचार करने की तैयारी में हैं.

बिहार चुनाव 2025 की तारीखें

राज्य में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे. पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर 2025 को है. मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी. इन तारीखों से पहले हुई यह गिरफ्तारी निश्चित रूप से बिहार की राजनीति को नया मोड़ दे सकती है.

ये भी पढ़ें: मल्लिकार्जुन खरगे की RSS को प्रतिबंधित करने की मांग पर अमित शाह का पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा?