WB Politics: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम) अध्यक्ष एम के स्टालिन से भेंट करने और लोकसभा चुनाव 2024 पर चर्चा करने की संभावना है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी है. बनर्जी बुधवार को चेन्नई दौरे पर जायेंगी, क्योंकि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एल गणेशन ने उन्हें तीन नवंबर को अपने बड़े भाई के जन्मदिन पर आमंत्रित किया है.


अधिकारी ने बताया कि दो नवंबर को चेन्नई पहुंचने के तुरंत बाद ही ममता बनर्जी स्टालिन से उनके कैंप ऑफिस में जाकर मुलाकात कर सकती हैं. ममता के एक रात चेन्नई में ही रहने की संभावना है. अधिकारी ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो बनर्जी तमिलनाडु के कई शीर्ष नेताओं से भी मिल सकती हैं, जिनके गणेशन के पारिवारिक कार्यक्रम में पहुंचने की संभावना है.


स्टालिन से मिलेंगी ममता, सियासी बयानबाजी शुरू


तमिलनाडु के शीर्ष नेताओं और स्टालिन के साथ बैठक के परिणाम पर आशंका जताते हुए विपक्षी दल के नेताओं ने ‘अस्थाई’ राज्यपाल के पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए करदाताओं के पैसों से बनर्जी के चेन्नई जाने पर सवाल उठाया है. राजग द्वारा जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित किए जाने के बाद 18 जुलाई, 2022 से ही ला गणेशन के पास मणिपुर के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का भी प्रभार है.


कांग्रेस ने कहा-अपनी खोई साख की है ममता को तलाश


पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बनर्जी के दौरे को ‘‘भारतीय राजनीति में अपनी खराब हुई साख को बहाल करने का तरीका बताया है.’’ चौधरी ने पीटीआई/भाषा से कहा, ‘‘मुझे वजह समझ नहीं आती है कि बनर्जी राज्यपाल के परिवार में किसी की जन्मदिन पार्टी के लिए चेन्नई क्यों जा रही हैं. मुझे लगता है कि यह केन्द्र सरकार के साथ संबंधों को सुधारने का तरीका है ताकि पश्चिम बंगाल को फिर से जगदीप धनखड़ जैसा राज्यपाल ना मिले.’’


बनर्जी और द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन के बीच मुलाकात की वजह पर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘दीदी (बनर्जी) को पता है कि राष्ट्रीय राजनीति में उनकी साख खत्म हो गई है. उन्होंने पहले भी कई नेताओं के साथ ऐसी बैठकें की हैं, लेकिन सब बुरी तरह असफल रहीं. यही वजह है कि उन्होंने स्टालिन के साथ यह तथा-कथित बैठक की योजना बनायी है. मैं इसे राष्ट्रीय राजनीति में अपनी खोई हुई साख पाने के उनके प्रयास के रूप में देखता हूं.’’


माकपा का आरोप-रोजगार की मांग पर भाग रही हैं ममता


माकपा के नेता सुजान चक्रवर्ती ने भी बनर्जी के चेन्नई दौरे पर सवाल उठाया और कहा कि लोग जब नौकरियों की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसे वक्त में यह बंगाल छोड़कर भागने का सिर्फ बहाना है. चक्रवर्ती ने पीटीआई/भाषा से कहा, ‘‘मुझे इसका तर्क समझ नहीं आता कि मुख्यमंत्री करदाताओं के पैसे से राज्यपाल के परिवार में जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने जा रही हैं. वास्तव में वह राज्य से भाग रहीं हैं क्योंकि अभ्यर्थी यहां रोजगार की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है और वह सच्चाई से भाग रही हैं.’’


भाजपा ने कहा-बेमतलब की मुलाकात 


राज्य में भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा भी बनर्जी की चेन्नई यात्रा पर माकपा जैसे ही विचार रखते हैं. उनका कहना है कि बनर्जी और स्टालिन के बीच यह मुलाकात बेमतलब है. सिन्हा ने पीटीआई/भाषा से कहा, ‘‘वह गोवा, त्रिपुरा और असम गईं और कहीं उन्हें कुछ नहीं मिला. यहां मुद्दा यह है कि बंगाल से बाहर तृणमूल कांग्रेस प्रासंगिक नहीं है. वह देश में घूम सकती हैं, लेकिन उससे कुछ फायदा नहीं होने वाला है.’’


उन्होंने कहा कि बनर्जी को स्टालिन और अन्य लोगों से मिलने से पहले बंगाल में अपनी पार्टी को देखना चाहिए.


ममता ने फिर से कहा-2024 में 'खेला होबे' होगा


हालांकि बनर्जी ने 2024 में आम चुनाव से पहले भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की अपनी उम्मीदों को नहीं छोड़ा है. सितंबर में एक टीएमसी रैली में, उन्होंने दावा किया कि वह 2024 में भाजपा को हराने के लिए अन्य विपक्षी और क्षेत्रीय नेताओं के साथ हाथ मिलाएंगी. उन्होंने कहा, 'भाजपा को हराने के लिए सभी विपक्षी दल हाथ मिलाएंगे. एक तरफ हम सब होंगे और दूसरी तरफ बीजेपी. भाजपा का 300 सीटों का अहंकार उसकी दासता होगी,  2024 में 'खेला होबे' होगा."


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