जानें- सात दिनों में 8.50 लाख शौचालय बना देने के दावे का सच
एबीपी न्यूज़ | 11 Apr 2018 09:47 PM (IST)
पीएम मोदी बिहार सरकार के हवाले से कहा कि उन्होंने सात दिन के भीतर साढ़े आठ शौचालय बनाकर मिसाल पेश की है लेकिन सवाल ये था कि इस आंकड़े के हिसाब से क्या बिहार सरकार ने एक मिनट के भीतर 84 शौचालय बना डाले.
नई दिल्ली: कल बिहार के मोतिहारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने सात दिन के भीतर साढ़े आठ लाख शौचालयों का निर्माण पूरा कर दिया है. लेकिन सोशल मीडिया ने हिसाब लगाकर पूछा कि ऐसा कैसे हो सकता है? भला सात दिन में साढ़े आठ लाख शौचालय कौन सी तकनीक बनाए गए? आठ से दस दिन के अंदरबने 8.50 लाख शौचालय- ग्रामीण विकास मंत्री एबीपी न्यूज के सवाल पर बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा, ‘’जब ग्रामीण विकास को मिला था तो 24 फीसदी शौचालय का निर्माण हुआ था. अब ये 52 फीसदी हो गया है. शौचालय का काम तो पहले से चल रहा है. लोग आए तो उत्साह और बढ़ गया, गति तेज हो गई. आठ से दस दिन के अंदर साढ़े आठ लाख शौचालय बनकर तैयार हो गए.’’ भारत सरकार के पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक बिहार में 31 मार्च को ही 52 फीसदी शौचालय निर्माण का लक्ष्य पूरा हो चुका था, लेकिन मंत्री जी तो कह रहे हैं कि पिछले आठ से दस दिन में वो 52 फीसदी तक पहुंचे हैं. यानि बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री के हिसाब में गड़बड़ी है. 28 मार्च की तारीख में ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से जारी हुई चिट्ठी में लिखा था, ‘’प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पहले नौ अप्रैल तक 12 लाख 83 हजार 700 शौचालय बनाने का लक्ष्य है.’’ इस चिट्ठी 38 जिलों का नाम शामिल था और 38 जिलों में 12 लाख 83 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य था. बिहार में एक मिनट में 84 शौचालय बने हैं या नहीं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार सरकार के हवाले से कहा कि उन्होंने सात दिन के भीतर साढ़े आठ शौचालय बनाकर मिसाल पेश की है लेकिन सवाल ये था कि इस आंकड़े के हिसाब से क्या बिहार सरकार ने एक मिनट के भीतर 84 शौचालय बना डाले. एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में क्या सामने आय़ा? बिहार के गया जिले के मानपुर प्रखंड के नौरंगा पंचायत के एक गांव में शौचालय की जगह खुदे हुए गड्ढे हैं. दरअसल चार अप्रैल को जिलाधिकारी समेत कई अधिकारी गांव पहुंचे थे. खुद उन्होंने घर के सामने अपने हाथों में कुदाल लेकर शौचालय के लिए गढ्ढे खोदे. गांव वालों को लगा कि अब तो शौचालय बन ही जाएगा. लेकिन ये हो ना सका क्योंकि शौचालय बनाने के बाद 12 हजार रुपए मिलेंगे लेकिन शौचालय बनाने के लिए गांव वालों के पास पैसे नहीं हैं. बिहार के नवादा में प्रशासन ने 2 अप्रैल से 9 अप्रैल के बीच 30 हजार 800 नए शौचालय बनाने का दावा किया है, जिसमें से 15900 शौचालय ग्रामीण इलाक़ों में बनवाने की बात कही है. वहीं, कैथिर पंचायत के विजयनगर गांव में 60 शौचालय बनने थे. लेकिन विजयनगर गांव में एक भी शौचालय नहीं बना है. अभी भी खुले में ही शौच करने जाते हैं गांव के लोग पिछले एक हफ्ते में गांव के अलग-अलग हिस्सों में ग्रामीणों ने गड्ढे खोद रखे हैं जिनमें से कुछ तो वापस भर भी गए हैं. लेकिन कोई गड्ढा शौचालय में तब्दील नहीं हो पाया. इस गांव के लोग अभी भी खुले में ही शौच करने जाते हैं. लोहिया स्वच्छता मिशन के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर मृत्युंजय ने बताया, ‘’स्वच्छाग्रह सप्ताह में नवादा जिले के लिए निर्धारित लक्ष्य हासिल कर लिया है. 30,800 नए शौचालय बनकर तैयार नहीं हुए हैं बल्कि इतनी जगहों पर शौचालय बनवाने का काम इस हफ़्ते में शुरू किया गया है. और यही ज़िला प्रशासन का लक्ष्य था.’’ नवादा जिले के डीएम ने बताई सच्चाई नवादा जिले के डीएम कौशल कुमार से जब पूछा गया कि कुछ जगह को शौचालय के नाम पर सिर्फ गड्ढे हैं तो फिर 30 हजार 900 शौचालयों का आंकड़ा कैसे आया? तो उन्होंने कहा, ‘’दो अप्रैल से नौ अप्रैल के बीच शौचालय बनवाने का जो लक्ष्य रखा गया था उसमें गड्ढों की गिनती भी हुई है जिसे वो आने वाले वक्त में पूरा करवाएंगे. इसलिए हमारी पड़ताल में बिहार सरकार के 7 दिन के भीतर साढ़े आठ लाख शौचालय बनवाने का दावा झूठा साबित हुआ है. वीडियो देखें-