महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन अब भारत के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति बन चुके हैं. मंगलवार (9 सितंबर, 2025) को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने 452 वोट हासिल कर चुनाव जीत लिया. सीपी राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोनुसामी राधाकृष्णन है, जो मूल रूप से भारत के दक्षिणी छोर पर स्थित राज्य तमिलनाडु से संबंध रखते हैं और जिनके पास पांच दशक से ज्यादा समय का लंबा राजनीतिक अनुभव है.

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20 अक्टूबर, 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में जन्मे सीपी राधाकृष्णन (सीपीआर) का नाम उनकी मां ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम पर रखा. उपराष्ट्रपति पद के लिए बेटे के नाम का ऐलान होने के बाद उनकी मां ने कहा था कि मेरे पहले बेटे का नाम मुरुगन और दूसरे का नाम कृष्ण के नाम पर रखा गया. फिर उनके पिता ने एक बार मजाक में कहा था कि वह डॉ. राधाकृष्णन की तरह बनेगा.

25 सालों से ज्यादा समय से राजनीति में सक्रिय है सीपीआर का परिवार

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सीपी राधाकृष्णन के चाचा सीके कुप्पुसामी भी कांग्रेस पार्टी से तीन कार्यकाल के लिए सांसद चुने गए थे. उनका परिवार 25 सालों से ज्यादा समय से सक्रिय राजनीति में है. सीपी राधाकृष्णन की बात करें, तो वे साल 1974 में जनसंघ के राज्य कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर चुने गए थे. उसके बाद उन्होंने साल 1998 में कोयंबटूर से लोकसभा का चुनाव जीता और सांसद बने. तमिलनाडु से बीजेपी के सांसद बनने वाले चुनिंदा उम्मीदवारों में एक राधाकृष्णन साल 2003 से 2006 तक भाजपा के तमिलनाडु राज्य के अध्यक्ष पद पर भी रहे.

RSS से की थी राजनीति की शुरुआत

सीपी राधाकृष्णन 70 के दशक में RSS के स्वयंसेवक के तौर पर सक्रिय राजनीति में शामिल हुए थे. इसके बाद वह जनसंघ में राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य चुने गए. साल 1994 में लंबे समय तक कार्यकर्ता के तौर पर काम करने के बाद तमिलनाडु बीजेपी के सचिव चुने गए.

इसके बाद, साल 1998 और 1999 में वे तमिलनाडु के कोयंबटूर लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद निर्वाचित हुए. लोकसभा में सांसद के तौर पर उन्होंने कपड़ा संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में काम किया.  

झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे सीपी राधाकृष्णन

सीपी राधाकृष्णन भारत के उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने के पहले झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से 18 फरवरी, 2023 को सीपी राधाकृष्णन झारखंड के राज्यपाल नियुक्त किए गए. उन्होंने 30 जुलाई, 2024 तक करीब डेढ़ साल तक झारखंड के राज्यपाल का कार्यभार संभाला. इसके बाद वह महाराष्ट्र के राज्यपाल नियुक्त किए गए. हालांकि, इस दौरान उन्होंने तेलंगाना और पुदुचेरी के राज्यपाल का भी अतिरिक्त कार्यभार संभाला.

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