Disproportionate Assets Case: आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (Former CM of Haryana Om Prakash Chautala) की सजा पर दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत (Rouse Avenu Court) ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. अदालत शुक्रवार दोपहर 2 बजे सजा पर फैसला सुनाएगी. गुरुवार दोपहर सुबह 10 बजे कोर्ट शुरू होने से पहले ही चौटाला अपनी सिक्योरिटी के साथ कोर्ट पहुँच गए थे. सजा पर बहे के दौरान ॐ प्रकाश चौटाला बीके वकील ने उनकी दिव्यांगता, खराब स्वास्थ्य और 87 साल की उम्र का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की अपील की. 


अदालत में चौटाला के वकील ने कहा, 'चौटाला की उम्र 87 साल है. अभी 90% विकलांग है. बिना किसी मदद के हिल भी नही सकते. इन्हें अस्थमा हुआ है. पेसमेकर लगा हुआ है. स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियां है. गुरुग्राम के मेदांता में इलाज चल रहा है.' चौटाला के वकील ने दलील दी कि जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट चुके है. जितना समय वो जेल में रहे उसे भी इस मामले में कंसीडर करे.


चौटाला के वकील ने की कम से कम सजा देने की मांग
वकील ने बताया जेल में चौटाला के अच्छे व्यवहार को भी देखिए. इस केस में अदालत में भी उन्होंने कभी सुनवाई टालने के आग्रह नहीं किया. हमेशा अदालती प्रकिया में सहयोग दिया है. वहीं सीबीआई के वकील ने विरोध करते हुए सख्त से सख्त सजा की मांग की. सीबीआई के वकील ने कहा कि चौटाला जिस पद पर थे उसके बड़े मायने है. वे जनता द्वारा चुने गए नेता थे. एक चपरासी दस्तखत करता है तो कुछ नही होता लेकिन अगर एक शासक दस्तखत करता है तो बहुत कुछ बदल जाता है.


सीबीआई के वकील ने की सख्त सजा की मांग
सीबीआई ने कहा कि आप लीडर है आपके हर आदेश को लोग मानते हैं, अगर लीडर ही इस प्रकार के भ्रष्टाचार करेंगे तो समाज में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, कोर्ट को इस मामले में किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतनी चाहिए. सीबीआई के वकील ने कहा भ्रष्टाचार समाज के लिए कैंसर के समान है, भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट को ऐसी सजा देनी चाहिए जिससे समाज में मिसाल दिया जा सके. CBI के वकील ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है, शासक को गैर कानूनी रूप से कुछ भी करने की आजादी नहीं है, कानून निर्माता जो कुछ कहते और करते हैं, जनता उसको फॉलो करती है, उनके ग़लत आचरण का असर उनपर भी पड़ता है.


शुक्रवार को अदालत करेगी सजा का एलान
CBI के वकील ने कहा कि कानून बनाने वाले ही अगर अपराध करेंगे तो उसका जनता पर क्या असर होगा,चौटाला को अधिकतम सज़ा दी जानी चहिये और अधिकतम करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाना चहिये. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. शुक्रवार दोपहर 2 बजे अदालत सजा पर फैसला सुनाएगी. 


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