Urban Farming in Delhi: दिल्ली सचिवालय में बुधवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में अर्बन फार्मिंग विषय पर कई टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स के साथ रॉउंड टेबल सम्मलेन आयोजित किया गया. इस सम्मलेन के दौरान अर्बन फार्मिंग के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली विभिन्न कृषि प्रौद्योगिकियों पर चर्चा की गई. साथ ही अर्बन फार्मिंग के ज़रिए दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के साथ-साथ, रोज़गार को भी बढ़ावा मिलेगा. जिसकी नोडल एजेंसी, डायरेक्टोरेट ऑफ़ हॉर्टिकल्चर को बनाया गया है.


पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि ठंड के मौसम में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. दिल्ली में खेती योग्य भूमि लगातार कम होती जा रही है और कंक्रीट के बिल्डिंग्स की संख्या बढ़ती जा रही है. इसलिए दिल्ली में आने वाले समय में जमीन की कमी की संभावना बढ़ रही है और इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार अर्बन फार्मिंग का प्लान शुरू किया है. इस प्लान का मकसद लोगों को अपने घरों की छतों, बॉलकनी और बरामदों में अपने उपयोग की सब्जियां और फलों का उत्पादन करने के प्रति प्रोत्साहित करना है. इससे न सिर्फ लोगों को अपने द्वारा उगाई गई शुद्ध फल और सब्जियां प्राप्त होंगी, बल्कि दिल्ली के ग्रीन क्षेत्र में भी वृद्धि होगी.


अर्बन फार्मिंग मॉडल्स पर हुई चर्चा


पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रॉउंड टेबल सम्मलेन के बारें में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में शुरू किए गए समर एक्शन प्लान के 14 बिंदुओं में सम्मिलित अर्बन फार्मिंग विषय को लेकर आज दिल्ली सचिवालय में विभिन्न कंपनियों/प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ नए-नए अर्बन फार्मिंग से सम्बंधित मॉडल्स को लेकर चर्चा की गई. इस रॉउंड टेबल सम्मलेन में देश के कोने-कोने से विभिन्न कंपनियों/प्रौद्योगिकी प्रदाताओं ने हिस्सा लिया. 


कई कंपनियों ने लिया हिस्सा


इनमें फ़्लोरा कंसलटेंट, हारवेल एग्रो, भूमिका ऑर्गनिक्स, इज़ीग्रो, एमआर फार्म्स,  एडिबले रुट्स, आर एस पॉलीमर, सो गुड जैसे नाम शामिल रहें. यह सभी कंपनी/प्रौद्योगिकी प्रदाता शहरी कृषि से सम्बंधित विभिन्न क्षेत्रो में कार्यरत हैं. जिसमें मुख्यतः ह्यड्रोपोनिक्स, ग्रीनहाउस फार्मिंग, किचन गार्डन, फार्मलेटस, एरोपोनिक्स, रेवोपोनिक्स, एकुवाकल्चर जैसे क्षेत्रो में कार्य कर रहें हैं.


दिल्ली में होगी अर्बन फार्मिंग


उन्होंने बताया कि इस सम्मलेन के दौरान विभिन्न प्रौद्योगिकी प्रदाताओं ने दिल्ली की जलवायु और यहां की स्थितियों के लिए उपयुक्त विभिन्न अर्बन फार्मिंग से सम्बंधित मॉडल प्रस्तुत किए. साथ ही इन सभी कंपनियों/प्रौद्योगिकी प्रदाताओं को अपने मॉडल्स की विस्तृत जानकारी विभाग को जमा करने के आदेश भी दिए गए हैं. जिसके आधार पर दिल्ली में अर्बन फार्मिंग को लेकर आगे की कार्य योजना तैयार की जाएगी.


क्या है अर्बन फार्मिंग?


अर्बन फार्मिंग के तहत, अगर पर्याप्त धूप उपलब्ध हो तो लोग अपने घर की छतों पर फल, सब्जियां और पौधे उगा सकते हैं. अर्बन फार्मिंग से लोगों को उन खाद्य उत्पादों में कीटनाशकों और हानिकारक रसायनों से बचने में मदद मिलेगी, जिनका वे दिन-प्रतिदिन उपभोग करते हैं. साथ ही इससे शहर में ग्रीन कवर को भी बढ़ावा मिलेगा. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्लीवासी अपने दैनिक जीवन में रासायनिक उत्पादों के अधिक खपत को कम करके और अर्बन फार्मिंग के माध्यम से स्वास्थ्य सुधार करने में सक्षम होंगे.


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