UP Elections 2022: देश में सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव (UP Assembly Elections) हैं. चुनावों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) एक के बाद एक अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) का दौरा कर रहे हैं. पीएम मोदी ने यहां कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की है. विकास की इन योजनाओं के जरिए पीएम मोदी यूपी के अलग-अलग वोटबैंक को साध रहे हैं. चुनाव जब सिर पर है, तब पीएम मोदी की इन वाराणसी दौरों के पीछे छुपी चुनावी रणनीति को समझने की जरूरत है. वाराणसी और उससे सटे पांच जिलों जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर और भदोही में विधानसभा की 36 सीटें हैं. इनमें जिसने भी आधी सीटें जीती, यूपी में सरकार उसकी बनी. 


क्या कहते हैं आंकड़े?



  1. साल 2007 में इन पांच राज्यों में BSP को 20 सीटें मिलीं और मायावती की यूपी में सरकार बनी.

  2. साल 2012 में समाजवादी पार्टी को 21 सीटें मिलीं. पार्टी जीती और मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बना दिया.

  3. साल 2017 में BJP ने 22 सीटें जीती और यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बन गई.


पूर्वांचल के अपने दौरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल को पीएम एक्सप्रेसवे,मेडिकल कॉलेज, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जैसी कई सौगातें दे चुके हैं. दरअसल विकास की इन योजनाओं के जरिए प्रधानमंत्री यूपी के अलग-अलग वोटबैंक को साध रहे हैं. पीएम मोदी की ओर से डेयरी प्लांट का शिलान्यास करना इस कारोबार से जुड़े यादव वोटबैंक को साधने पर है. 2017 के चुनाव में पीएम मोदी ने वाराणसी में गढ़वा आश्रम में गए थे जो भगवान कृष्ण के वंशजों का माना जाता है. एक बार फिर वही समीकरण बनाने की कोशिश है.


अमित शाह का मिशन यूपी


पीएम मोदी के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगले 10 दिनों में 7 बार यूपी का दौरा करने वाले हैं. 24 तारीख को प्रयागराज से शुरुआत होगी और 4 जनवरी तक लगातार अमित शाह के कई कार्यक्रम इस दौरान होंगे. इस दौरान अमित शाह कई रोड शो और 21 जनसभाओं को संबोधित करेंगे. 24 तारीख से शुरु हो रहे यूपी दौरे में अमित शाह अयोध्या में रामलला के दर्शन करेंगे. अयोध्या, बरेली और गोरखपुर में उनका रोड शो होगा.


अमित शाह की एक सभा में सात विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा, इसमें तीन ओबीसी विधानसभा क्षेत्र, दो शहरी क्षेत्र, एक अनुसूचित ज़ाति और जनजाति विधानसभा क्षेत्र और एक मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्र शामिल होगा. बीजेपी की रणनीति साफ है. विकास भी, जाति गणित भी और हिन्दुत्व सबसे ऊपर. फॉर्मूला पुराना है लेकिन बीजेपी के लिए ये हर बार काम करता है.