नई दिल्ली: आईटी नियमों का पालन न करने पर माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने भारत में मिली कानूनी सुरक्षा खो दी है. ट्विटर अब भारत में थर्ड पार्टी गैरकानूनी कंटेंट के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई के लिए उत्तरदायी है. आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत ट्विटर को लीगल प्रोटेक्शन मिला था. हालांकि फेसबुक, यूट्यूब, गूगल, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप को ये प्रोटेक्शन मिलता रहेगा.


ट्विटर और सरकार को लेकर क्यों मचा है घमासान



  • केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सोशल मीडिया में एक छोटी सी चिंगारी भी बड़ी आग का कारण बन सकती है. खासकर फेक न्यूज के खतरे ज्यादा हैं. इस पर कंट्रोल करना और इसे रोकना नए आईटी नियमों में एक महत्वपूर्ण नियम था, जिसका पालन ट्विटर ने नहीं किया.

  • सरकार का कहना है कि ट्विटर देश के कानून की अनिवार्य प्रक्रिया को स्थापित करने से इनकार करके यूजर्स की शिकायतों को दूर करने में भी नाकाम रहा है. ट्विटर तभी फ्लैग करने की नीति चुनता है, जो वह उसके उपयुक्त हो या उसकी पसंद और नापसंद के मुताबिक चीजें हों.

  • वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर नकली समाचार/गलत सूचना के खतरे से लड़ने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाते हैं तो फिर भारत को सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा सामना किए जाने वाले परिणामों को निर्धारित करने वाले प्रभावी कानूनी प्रावधानों के साथ सामने आने की जरूरत है.

  • विशेषज्ञों का साफतौर पर कहना है कि चूंकि ट्विटर, एक सेवा प्रदाता के रूप में नए आईटी नियमों का पालन नहीं करता है, तो सरकार उन्हें भारतीय संदर्भ में एक सहज तरीके से अपनी सेवा प्रदान करने से रोकने के लिए कार्रवाई शुरू कर सकती है.

  • आईटी नियम 2021 के नियम 7 के आधार पर, कोई भी मध्यस्थ आईटी नियमों का पालन नहीं करता है, तो वे स्वचालित रूप से कानूनी दायित्व से अपनी वैधानिक छूट खो देते हैं. इस मामले में ट्विटर ने आईटी नियमों 2021 का पालन न करके 25 फरवरी से 90 दिनों की समाप्ति के बाद अपनी वैधानिक प्रतिरक्षा खो दी है.

  • हालांकि ट्विटर ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि भारत सरकार के नए आईटी रूल्स को फॉलो किया गया है और इसके लिए एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी भी नियुक्ति कर दिया गया है.

  • जानकारी के अनुसार, ट्विटर का मध्यस्थ का दर्जा और उसे मिली कानूनी सुरक्षा नए दिशानिर्देशों का पालन न करने के कारण 26 मई को स्वतः खत्म हो गई है. आईटी नियमों को पालन नहीं करने वाले हर सोशल मीडिया मंच के साथ ऐसा हुआ है.

  • इस महीने की शुरुआत में सरकार ने ट्विटर को नोटिस जारी कर उसे नए आईटी नियमों के तत्काल अनुपालन के लिए 'एक आखिरी मौका' दिया था. सरकार ने आगाह किया था कि यदि ट्विटर इन नियमों का अनुपालन करने में विफल रहता है, तो वह आईटी कानून के तहत दायित्व से प्राप्त छूट गंवा देगा.

  • सरकार का पिछले कुछ महीनों में कई बार ट्विटर के साथ विवाद हुआ है. ट्विटर ने हाल में कुछ बीजेपी नेताओं के ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ करार दिया था. इसको लेकर भी काफी विवाद छिड़ा है.

  • केंद्र के साथ ट्विटर का टकराव इस साल फरवरी में शुरू हुआ था. उस दौरान केंद्रीय तकनीक मंत्रालय ने ट्विटर ने उस कंटेंट को ब्लॉक करने के लिए कहा था कि जिसमें पीएम मोदी के प्रशासन पर देश में किसान आंदोलन को लेकर आलोचनाओं को खत्म करने के आरोप लग रहे थे. इसके बाद केंद्र ने सोशल मीडिया कंपनियों की जवाबदेही बढ़ाने वाले नए कानून को पेश किया.


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