Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र (Maharashtra) में जारी सियासी घमासान (Political Rukkus) के बीच महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर (Deputy Speaker) ने बागी नेताओं (Rebel MLAs) को अयोग्य ठहराने संबंधी नोटिस पर आज तक समय दिया था ताकि बागी विधायक अपना जवाब दे सकें कि उन्होंने अचानक ऐसा कदम क्यों उठाया. वहीं बागी विधायकों ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को नोटिस (Notice) भेजा और अयोग्यता संबंधी नोटिस पर बागी खेमे को 11 जुलाई तक का समय दे दिया है. 


अब इस मामले में शिंदे गुट के विधायक दीपक केसरकर ने कहा है,  'यह विद्रोह नहीं बल्कि शिवसेना के स्वाभिमान की लड़ाई है... मैं पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से अनुरोध करता हूं कि वे विचार करें और बीजेपी के साथ नया गठबंधन करें. बीजेपी-शिवसेना गठबंधन महाराष्ट्र के लोगों द्वारा दिए गए फैसले के अनुरूप है.' उन्होंने आगे कहा, संजय राउत एनसीपी के नीली आंखों वाले लड़के हैं. आप शिवसेना को बीजेपी से दूर करने में सफल हो सकते हैं लेकिन अगर आप शिवसेना को हिंदुत्व से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं, तो आप हमसे इसे कैसे बर्दाश्त करने की उम्मीद कर सकते हैं?


इस्तीफा देने वाले थे उद्धव 
वहीं सियासी गलियारों में इस बात को लेकर भी खूब कानाफूसी हो रही थी कि सीएम उद्धव ठाकरे ने विधायकों के विद्रोह के अगले दिन ही हथियार डालने के संकेत दे दिए थे. उद्धव ने 22 जून को ही इस्तीफा देने का मन बना लिया था, लेकिन महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने उन्हें ऐसा करने से रोका. वहीं चर्चा इस बात की भी हो रही है कि वो शिंदे गुट के विधायकों के बगावत करने के तुरंत बाद यानि कि 21 जून को भी इस्तीफा देने के लिए तैयार हो गये थे. इसके बाद महाराष्ट्र में ये सियासी ड्रामा जारी है.  


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