शुक्रवार को सेना दिवस के मौके  पर उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी उधमपुर में आयोजित कार्यक्रम में  शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादी नेटवर्क सोशल मीडिया के जरिए काडर को भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं और निरंतर चलाए जा रहे आतंकवाद रोधी अभियानों ने पाकिस्तान में राज्य इतर तत्वों को अपनी रणनीति पर पुनः विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है.


जनरल जोशी ने सैनिकों की बहादुरी की सराहना की


बता दें कि  उधमपुर में सेना दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के इतर पत्रकारों से बातचीत में लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने सेना की कामयाबी रेखांकित की और सैनिकों की बहादुरी की सराहना की.उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर निरंतर अभियान और अंदरूनी इलाकों में एजेंसियों के अभियानों से पाकिस्तान में बैठे राज्य इतर तत्व अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर हो गए हैं.


आम लोगों का सरकारी संस्थानों में हो रहा विश्वास बहाल


उन्होंने कहा कि सीमा पार बैठे आतंकवादी नेटवर्क सोशल मीडिया के जरिए काडर को भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और शासन में सुधार ने अहम प्रभाव डाला है तथा आम लोगों का सरकारी संस्थानों में विश्वास बहाल करने में मदद मिली है.


क्यों मनाया जाता है 'आर्मी डे'


15 जनवरी को आर्मी डे मनाने के पीछे दो बड़े कारण हैं. पहला ये कि 15 जनवरी 1949 के दिन से ही भारतीय सेना पूरी तरह ब्रिटिश थल सेना से मुक्त हुई थी. दूसरी बात इसी दिन जनरल केएम करियप्पा को भारतीय थल सेना का कमांडर इन चीफ बनाया गया था. इस तरह लेफ्टिनेंट करियप्पा लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे. केएम करियप्पा ‘किप्पर’ नाम से काफी मशहूर रहे.


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