मुंबई: एनसीपी नेता एकनाथ खडसे पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कस रखा है. शुक्रवार को ईडी ने खडसे से 2016 के एक जमीन सौदा मामले में छह घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की. शाम करीब साढ़े पांच बजे ईडी के दफ्तर से निकले खडसे ने पत्रकारों से कहा कि वह जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं.


आरोप है कि अपने परिवार के लिए सरकारी जमीन की खरीदारी में उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया. खडसे ने निर्दोष होने का दावा करते हुए कहा है कि किसी भी अनियमितता के बिना पूरा लेनदेन बिल्कुल पारदर्शी था.


खडसे ने जांच में पूरा सहयोग किया
ईडी ऑफिस से निकलने के बाद खडसे ने कहा, "उन्होंने मुझसे सवाल किए और मैंने जवाब देने की कोशिश की. उन्हें जो भी दस्तावेज या जानकारी चाहिए थी, मैंने उन्हें दी और जब भी वह कहेंगे उनके सामने फिर पेश हो जाऊंगा."


राज्य के पूर्व मंत्री खडसे शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे दक्षिण मुंबई में बलार्ड एस्टेट स्थित केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में पहुंचे थे. थोड़ी देर बाद ही उनकी बेटी शारदा चौधरी भी ईडी के दफ्तर आती देखी गईं. इस दौरान ईडी कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती रही. खडसे के समर्थक वहां जमावड़ा न लगाएं, इसके लिए बैरिकेड लगाए गए थे. इसके अलावा राज्य रिजर्व बल (एसआरपीएफ) के कर्मियों को भी तैनात किया गया था.


2016 में लगे थे जमीन घोटाले के आरोप
फडनवीस सरकार में एकनाथ खडसे राजस्व मंत्री थे. साल 2016 में पुणे MIDC की जमीन की स्टाम्प ड्यूटी भरने के मामले में और नियमों की अनदेखी कर परिवार के सदस्यों को जमीन देने के आरोप खडसे पर लगे. जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. ईडी ने उन्हें 30 दिसंबर को तलब किया था लेकिन वह स्वास्थ्य कारणों से पेश नहीं हो पाए थे. इसके बाद ईडी ने उन्हें पेश होने के लिए और समय दे दिया था.


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